नई दिल्ली, आइएएनएस। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को कोरोना पर जीत की घोषणा के लिए सरकार पर हमला बोला। प्रियंका ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री का नया आवास और नया संसद भवन स्वास्थ्य सुविधाओं से ज्यादा जरूरी हैं। प्रियंका गांधी ने ‘कौन जिम्मेदार है’ अभियान के तहत सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लोगों को आईसीयू बेड, अस्पताल के बिस्तर और ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ा।
प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कोरोना पर जीत के प्रचार में लगे थे जबकि लोगों को ऑक्सीजन, आईसीयू, वेंटिलेटर और अस्पताल में बेड्स की भारी कमी का सामना करना पड़ा। सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान नहीं दिया। प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले साल सितंबर में कहा था कि देश में 2,27,972 ऑक्सीजन बेड हैं लेकिन यह 36 फीसद घटकर 1,57,344 रह गया।प्रियंका ने कहा कि इसी अवधि के दौरान आईसीयू बेड 66,638 से घटकर 36,008 हो गए और वेंटिलेटर बेड 33,024 से घटकर 23,618 हो गए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल जुलाई में 10 हजार बेड वाले आईटीबीपी के अस्थायी चिकित्सा केंद्र का श्रीगणेश किया था जबकि इस साल सात फरवरी को केंद्र बंद कर दिया गया था। कोविड की दूसरी लहर के दौरान यह हेल्थ सेंटर केवल दो हजार बेड्स के साथ उपलब्ध थाप्रियंका गांधी ने कहा कि स्वास्थ्य पर संसद की स्थायी समिति ने दूसरी लहर की चेतावनी दी थी। समिति ने अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन की उपलब्धता पर ध्यान दिए जाने की बात कही थी लेकिन सरकार ने इस पर गौर नहीं किया। सरकार ने जिस समय कोरोना पर जीत का एलान किया वह आरोग्य सेतु एप पर अस्पतालों में बेड्स की उपलब्धता का उचित डेटा प्रदान करने में असमर्थ थी। आलम यह था कि लोगों को अस्पतालों में बेड्स के लिए भटकना पड़ा। प्रियंका ने स्वास्थ क्षेत्र में सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि मौजूदा वक्त में 15 नए एम्स में से कोई भी संचालित नहीं है।