लखनऊ/ नई दिल्ली. कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार जैसे-जैसे धीमी पड़ती जा रही है, वैसे-वैसे बीजेपी (BJP) ने यूपी के विधानसभा चुनाव 2022 की अपनी चुनावी रणनीतियों पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है. इस बीच बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने सीएम योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के विधायकों का परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार करने का फैसला किया है. यही नहीं, विधानसभा चुनाव में विधायकों के परफॉर्मेंस की रिपोर्ट पर ही उनका भविष्य तय होगा. साफ है कि परफॉरमेंस रिपोर्ट के जरिये पार्टी विधानसभा चुनाव में टिकट के बंटवारे पर फोकस करेगी.
सूत्रों की मानें तो बीजेपी यूपी में संगठन के जरिए बूथ लेवल से लेकर जिला लेवल तक हर विधायक की परफॉर्मेंस रिपोर्ट लेगी. विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट केवल संगठन के फीडबैक पर नहीं बनाई जाएगी बल्कि पार्टी उसके लिए प्राइवेट एजेंसियों की भी मदद लेगी. पार्टी संगठन के फीडबैक और स्वतंत्र एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार करेगी.इनको टिकट मिलना पक्का
पार्टी ने तय किया है कि मौजूदा विधयकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट को तीन श्रेणियों में रखा जाएगा. जबकि ये तीन श्रेणियां हैं Excellent, Good और Average. सूत्रों की मानें तो जिन विधायकों की रिपोर्ट अति उत्कृष्ट (Excellent) होगी, उनको फिर से टिकट दिया जाएगा. साथ ही आगे उन विधायकों को पार्टी के स्तर पर और आने वाले चुनाव में बड़ी भूमिका देगी. वहीं जिन विधायकों की रिपोर्ट अच्छी (Good) श्रेणी में आएगी. पार्टी उसे भी बेहतर मानेगी और टिकट देने में उनको तरजीह देगी.
एवरेज श्रेणी वालों को मिलेगी ये नसीहत
सूत्रों के मुताबिक, जिन विधायकों की रिपोर्ट एवरेज श्रेणी में आएगी. उन विधायकों को पार्टी नेतृत्व से साफ संकेत जाएगा कि अगले छह महीने में संगठन और उनके द्वारा चलाये जा रहे कामों को लोगों तक ले जाएं और जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं. इसके अलावा उन्हें ये भी संकेत भेजा जाएगा कि अपनी इमेज को जनता के बीच सुधारें, नहीं तो आगे टिकट का सपना छोड़ दें. यानी इस श्रेणी में आने वाले विधायकों को पार्टी खुद की छवि सुधारने का एक और मौका देगी. सूत्रों के अनुसार परफॉर्मेंस रिपोर्ट के आधार पर जिन विधायकों का रिपोर्ट एवरेज से कम यानी असंतोषजनक पाया जाएगा, वहां पर पार्टी दूसरे विकल्पों पर विचार करेगी
सूत्रों के अनुसार, अगले एक से दो महीने में सभी विधायकों के बारे में रिपोर्ट आने का अनुमान है. इसके अलावा केंद्रीय नेतृत्व भी विभिन्न अवसरों पर विधायकों से समय पर फीडबैक लेगा जिससे चुनावी रणनीति बनाई जाए. सूत्रों की मानें तो इस बार मानसून खत्म होने के बाद विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों पर विचार-विमर्श शुरू हो जायेगा.
बता दें कि हाल में ही हुए पंचायत चुनाव के परिणाम ने पार्टी की चिंता बढ़ा दी है. बीजेपी के लिए उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है. इसी वजह से पिछले दिनों पार्टी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने लखनऊ का दौरा कर राज्य सरकार के मंत्रियों और प्रमुख नेताओं से सरकार और संगठन के कामकाज को लेकर तीन दिन तक मंथन किया था. जबकि यूपी के प्रभारी राधामोहन सिंह भी लगातार लखनऊ के दौरे कर रहे हैं. यकीनन बीजेपी किसी भी कीमत पर यूपी में सत्ता से बाहर नहीं जाना चाहती हैं, इसलिए पार्टी ने अभी से अपनी कमर कस ली है.