अहमद खां मंडी, जौनपुर निवासी श्री प्रकाश गुप्ता की 30 जुलाई को सुबह अचानक तबियत खराब हुई जब उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया तो कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से सांस लेने में दिक्कत का पता चला। उन्हें उसी दिन जलालपुर स्थित L2 हॉस्पिटल भेज दिया गया।
अगले दिन उन्हें बी एच यू L3 हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया इसी दौरान परिवार के अन्य 7 लोग भी पॉजिटिव घोसित हो चुके थे जिन्हें एल-1 तथा एल-2 हॉस्पिटल में रखा गया था। उनमें से भी दो लोगों की तबियत बहुत खराब थी। दो अगस्त को दोपहर 1 बजे श्री प्रकाश गुप्ता को हॉस्पिटल द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। इस बीच परिवार के अन्य दो सदस्यों की तबियत काफी खराब थी जिसे ध्यान में रखते हुए श्री गुप्ता के अन्य भाईयों ने उनके मृत्यु की खबर से परिवार के सभी सदस्यों को बेखबर रखने का निर्णय लिया ताकि उनको कोई सदमा न लगे और अन्य लोग सलामत रहें।
अन्य भाइयों ने श्री गुप्ता का दाह संस्कार उसी दिन हरिश्चन्द्र घाट, वाराणसी में कर दिया लेकिन परिवार के सभी सदस्यों को बता के रखा गया कि श्री गुप्ता की बी एच यू में इलाज चल रहा है और वो वेंटिलेटर पे हैं।
इस खबर को अन्य परिवार के सदस्यों को घर आने के बाद भी 7 दिनों तक नही बताया गया जब परिवार के सभी सदस्य उन तक पहुँच सके और वे सातों लोग थोड़ा ठीक नजर आए तो दिनांक 23 अगस्त को श्री गुप्ता के मृत्यु की खबर अन्य सभी लोगों को दिया गया।
ये खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। इतने दिन तक श्री गुप्ता के मृत्यु की खबर छिपाए रखना बहुत मुश्किल था लेकिन सभी ने इसे छिपा के रखा और अन्य सभी को ठीक करने में लगे रहे।