अडूसा का पौधा कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रामबाण औषधि साबित हो सकता है, क्योंकि यह कफ को पतलाकर कम करने का काम करता है. हालांकि, इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेदाचार्य की सलाह ले लें.
अडूसा एक झाड़ीदार पौधा है. इसके फूल सफेद होते हैं. यह पेड़ जड़ी-बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. myUpchar से जुड़े डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला के अनुसार, अडूसा पेड़ की जड़, पत्ते और फूल सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. यह श्वास संबंधी समस्याओं के इलाज में कारगर औषधि है. कोरोना वायरस महामारी में सूखी खांसी की समस्या पहला लक्षण है. अडूसा का पौधा कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रामबाण औषधि साबित हो सकता है, क्योंकि यह कफ को पतलाकर कम करने का काम करता है. हालांकि, इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेदाचार्य की सलाह ले लें. यह पौधा और भी कई शारीरिक समस्याओं के इलाज में काम आता है. आइए जानते हैं इसके औषधीय उपयोग के बारे में –
सिर दर्द दूर सकता है अडूसा सिर दर्द की समस्या को दूर करने के लिए अडूसा के फूल का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए अडूसा के फूलों को सुखाकर इसके 10 ग्राम चूर्ण के साथ गुड़ मिलाकर चार बार लें. इससे तुरंत लाभ होगा.
आंखों को भी देता है राहत अडूसा के 2 से 4 ताजे फूलों को पानी में गर्म करके आंखों पर कुछ देर के लिए रखें. ऐसा करने से आंखों की सूजन ठीक होगी. इसके अलावा आंखों के लाल होने की समस्या भी दूर हो जाती है. आंखों को ठंडक मिलती है.
मुंह के छालों को करता है दूर अडूसा के दो से तीन पत्तों को चबाकर उसके रस को चूसने से छाले ठीक होते हैं. चबाए हुए पत्तों का रस चूसकर थूक देना चाहिए. दरअसल अडूसा पेट में ठंडक पहुंचाता है और कब्ज की समस्या को भी ठीक करता है. पाचन ठीक होने से मुंह में छाले स्वत: ठीक हो जाते हैं.
दांतों और मसूड़ों के दर्द में लाभकारी अडूसा की लकड़ी से दातुन करने से दांतों और मसूड़ों की समस्या ठीक होती है. इससे नियमित दातुन किया जाए तो दांतों व मसूड़ों के दर्द में राहत मिलेगी. दांत मजबूत होते हैं और दांतों से पीलापन भी दूर हो जाता है.
श्वास संबंधित सभी रोगों की रामबाण जड़ी बूटी अडूसा के ताजे पत्तों का रस निकालने के बाद इसमें शहद मिलाकर चाटने से खांसी और सांस संबंधित समस्याएं ठीक होती हैं. सूखी खांसी दूर करने के लिए अडूसा के पत्ते, मुनक्का और मिश्री का काढ़ा दिन में तीन से चार बार पीने से सूखी खांसी ठीक होती है. डॉक्टर की सलाह पर कोरोना के मरीज इसका सेवन कर सकते हैं.
मासिक धर्म में सहायक
महिलाओं के मासिक धर्म में अनियमितता को ठीक करने के लिए भी अडूसा गुणकारी जड़ी-बूटी है. इसके लिए अडूसा के 10 ग्राम पत्ते, मूली और गाजर के बीज 6 ग्राम लेकर आधा लीटर पानी में उबालें. जब यह पानी एक चौथाई शेष रह जाए तो यह काढ़ा पीने से मासिक धर्म की समस्याएं ठीक होंगी. साथ ही अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या भी दूर होती है.
मूत्र दोष की समस्या में लाभकारीजिन लोगों को पेशाब ठीक से नहीं आती है या फिर उन्हें बार-बार जाना पड़ता है. इसके लिए खरबूजे के 10 ग्राम बीज और अडूसा के 10 ग्राम पत्ते लेकर अच्छी तरह पीसकर खाने से इस समस्या से छुटकारा मिलेगा.
मांसपेशियों का दर्द भी होता है दूर अडूसा के पत्तों के रस में तिल के तेल को मिलाकर शरीर में दर्द वाले स्थान पर मालिश करने से हाथ पैर की ऐंठन ठीक होती है, साथ ही मांसपेशियों को आराम मिलता है. इसके अलावा शरीर पर फोड़े-फुंसी होने पर अडूसा के पत्तों को पानी के साथ पीसकर घाव पर लगाने से फायदा मिलता है.
अस्वीकरण : इस लेख में दी गयी जानकारी कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों और उनके संभावित उपचार के संबंध में शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है। यह किसी योग्य और लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा, जांच, निदान और इलाज का विकल्प नहीं है। यदि आप, आपका बच्चा या कोई करीबी ऐसी किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहा है, जिसके बारे में यहां बताया गया है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें