जौनपुर ईशा हास्पिटल एक बार फिर अपनी समाजिक दायित्वों के प्रति वचनबद्व दिखाते हुए इस कोरोना संकट काल के समय की कसौटी पर खरा उतर रहा है। डी0पी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा जन सेवा की भावना से संचालित इस अस्पताल ने अपने स्थापना काल से ही ‘‘ चिकित्सता पुज्यम् न किंचित‘‘ भी भावना से कार्य किया है। समाज के अंतिम व्यक्ति तक आधुनिक्तम् स्वास्थ्य सुविधएं पहॅुचाने में अग्रिम पंक्ति में रहा है। पूर्वांचल का निजी क्षेत्र का यह अस्पताल ‘‘एक छत के नीचे‘‘ जितनी सुविधाएं दे रहा है वह आश्चर्य जनक है। जीवन रक्षक प्रणाली, आधुनिक पैथोलाजी विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ और सहज सुलभ ‘रक्त बैंक‘‘ यह कुछ एसी विशेषताएं है जो ईशा अस्पताल की एक अलग छवि निर्मित करती है। यह पहला अस्पताल है जिसने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए पहली बार जनपद में मोबाइल हेल्थ सेवा शुरू की थी। ईशा अस्पताल की छोटी गाड़ी एक चिकित्सक और कुछ पैरामेडिकल स्टाॅफ, आवश्यक जांच किट और कुछ दवांइया गांव-गांव जा कर लोगो कीसमवा का व्रत/मूल उदद्ेश्य था लोगो में स्वास्थ्य जागरूकता लाना। उन्हे बताना कि किस प्रकार से जीवन शैली में परिवर्तन लाकर व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। दर असल ईशा अस्पताल ने शुरू से ही चिकित्सकी भारतीय दृष्टि को बढ़ावा दिया है। ‘‘कामए दुःख तत्वानाम् प्राणी नामार्ति नाशनम्‘‘ – की भावना से काफी किया है।
आज जब कि पूरा देश कोविड -19 के संकट की चुनौतियों का सामना कर रहा है, ईशा अस्पताल ने एक बार फिर अपनी सामाजिक प्रतिबद्वताओं को सिद्व किया है। अस्पताल सुरक्षा के समस्त उपाय सुनिश्चित करते हुए आम जन की सेवा में तत्पर है। टनल सेनेटाइजेशन के साथ ही जगह-जगह सेनेटाइज करने की व्यवस्था की गई है। डाॅ0 रजनीश श्रीवास्तव के कुशल नेतृत्व में कोरोना के कर्मवीर जन सेवा में डटे है। सबसे विशिष्ट बात यह है कि अस्पताल लगातार मरीजों की सेवा मे तत्पर रहता है। सरकारी अस्पताल जबकी कोरोना के खिलाफ जंग में लगे है। अन्य मरीजों को भी सेवा प्रदान करना काफी महत्वपूर्ण ही माना गया है। अस्पताल प्रशासन अपने कर्मचारियांे को पी0पी0ई0 किट, ग्लब्ज और मास्क लगातार उपलब्ध करा रहा है। यही नही, कर्मचारियों मरीजों और उनके तीमारदारो को नियमित रूप से मुफ्त में भोजन की भी व्यवस्था अस्पताल की ओर से की जा रही है। इस बात का प्रयास होता है। कि कोई भूखा ना सोए। यहा के कर्मवीरों में मानवता की सेवा का जज्बा दिखा। संकट की इस घड़ी मे जिस समर्पित भावना से ईशा अस्पताल अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहा है, वह स्तुत्य है। चिकित्सा के क्षेत्र मे मानक स्थापित करने वाला यह अस्पताल आज कोरोना संकट काल में समर्पण की नयी इबारतें लिखता दिखायी पड़ रहा है। जो भी जहाॅ भी है, आज संकट की इस घड़ी मे देश और समाज के लिए जो भी कर रहे है, वह अनमोल है तभी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है। जीतेगा इण्डिया हारेगा कोरोना। प्रधानमंत्री की नेत्रृत्व मे पूरा देश जिस समाज की भावना से पारस्परिक मत भदोका भुला कर कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है, उसकी दूसरी मिशाल दुनिया में और कही नही मिलेगी। ईशा हास्पिटल स्वास्थ्य सम्बन्धित सभी आकास्मिक और अनिवार्य सेवाऐं 24 धन्टे निरन्तर दे रहा है।