जौनपुर जेल में कैदियों के पथराव, आजगनी और हिंसा के पीछे बंदी की मौत नहीं बल्कि पांच शातिर अपराधियों की यहां से शिफ्टिंग की तैयारी वजह थी। इनको यहां से शिफ्ट करने का प्रस्ताव तैयार हो चुका था। इसकी भनक लगते ही इन पांच कैदियों ने बवाल की साजिश रची। इसी बीच एक बंदी की तबीयत खराब होने से सभी कैदियों को भड़काने का मौका मिल गया। जौनपुर जेल में कई साल से बंद पांच अपराधियों की दबंगई बढ़ती जा रही थी। इन पर लगाम कसने के लिए जेल प्रशासन ने उन्हें प्रदेश की बड़ी जेलों में भेजने की योजना बनाई थी। इसके लिए डीएम को प्रस्ताव भेजा गया था। डीएम ने गुरुवार को इसकी संस्तुति कर दी थी।
5 कैदियों ने मिलकर रची साजिश
जांच में सामने आया कि ट्रांसफर की जानकारी मिलते ही इन पांच कैदियों ने उपद्रव की साजिश रची। जिस बीमार कैदी वागीश की मौत हुई उसका भाई भी इन पांचों के साथ बैरक में बंद था। उधर, कैदियों ने बवाल की साजिश रची और इधर वागीश की शुक्रवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। जेल के सुरक्षाकर्मी उसे लेकर अस्पताल जा रहे थे कि बाकी कैदियों को मौका मिल गया। उन्होंने तमाम कैदियों को भड़काया और पूरी जेल को हाईजैक कर लिया।
शिफ्टिंग रोकने के आश्वासन पर माने कैदी
पुलिस अफसरों के मुताबिक यह पांचों कैदी करीब 7 साल से जेल में बंद हैं। पिछली सरकार में इन्हें मिलने वाली सुविधाएं बंद हुई तो कैदियों को एकजुट करके कई बार माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर चुके हैं। शुक्रवार को इन्होंने करीब छह घण्टे तक जेल पर कब्जा जमाए रखा। काफी समझने पर इन्होंने खुद ट्रांसफर रोकने का प्रस्ताव रखा। इसका आश्वासन दिए जाने के बाद मामला शांत हो पाया।
नकेल कसने की तैयारी कर चुका जेल प्रशासन
इस घटना के बाद एक तरफ जेल अफसरों और कर्मचारियों के लापरवाही की जांच शुरू कर दी गई। दूसरी ओर उपद्रव की साजिश रचने वाले पांचों कैदियों के साथ इनके सहयोगियों पर नकेल कसने की तैयारी की जा चुकी है। जेल प्रशासन इन्हें प्रदेश की सबसे सख्त जेल में भेजने की तैयारी कर रहा है। डीजी जेल आनन्द कुमार का कहना है कि जांच में जिसकी भी लापरवाही सामने आई है, उनके निलंबन की कार्रवाई जल्द की जाएगी।