एंबुलेंस कर्मियों की एसडीएम से वार्ता के बाद सीएमओ को सौंपी चाबी
एजेंसी ने नए चालकों को जिम्मेदारी देकर एंबुलेंस किया रवाना
एंबुलेंस के पूर्व कर्मचारियों ने लखनऊ में धरना देने के लिए रवाना
संकल्प सवेरा,करंजाकला। जीवनदायिनी संगठन एवं एंबुलेंस कर्मचारियों के संघ बैनर तले एंबुलेंस कर्मचारियों के हड़ताल के तीसरे दिन बुधवार को एडीएम व सीएमओ से वार्ता के बाद एंबुलेंस कर्मचारियों ने सभी एंबुलेंस की चाबी सौंप दी और धरना देने के लिए लखनऊ रवाना हो गए। जिसके बाद एंबुलेंस संचालन एजेंसी ने नए चालकों को जिम्मेदारी देकर एंबुलेंस पर रवाना कर दिया।
एंबुलेंस कर्मचारियों के हड़ताल और धरना प्रदर्शन के तीसरे दिन जनता जनार्दन इंटर कॉलेज जासोपुर के परिसर में एडीएम व सीएमओ पहुंचे। करीब आधे घंटे एंबुलेंस कर्मचारियों से वार्ता चली। लेकिन वार्ता विफल रहा। वह नहीं माने।
जिसके बाद प्रशासन ने एंबुलेंस कर्मचारियों पर एंबुलेंस चलाने के लिए दबाव बनाने लगा और इस दौरान सीओ व थानाप्रभारी पुलिस फोर्स भारी संख्या में मौजूद रहे। दबाव बनता देख एंबुलेंस कर्मचारियों सभी एंबुलेंस की चाबियां सीएमओ को सौंप दिया।
बता दें कि इसके बाद गुस्साए करीब 300 से अधिक की संख्या में एंबुलेंस कर्मचारी लखनऊ के लिए रवाना हो गए ।जिसके बाद
जीडी केई एमआरवाई एजेंसी के प्रोग्राम मैनेजर संजीव गुप्ता ने नए चालकों को बुलाया। इसके बाद भी चालकों की संख्या में भारी कमी रही और ढूंढ ढूंढ कर नए चालक शाम तक बुलाए गए
।जिन्हें 12 घंटे पर सेवा देने पर चार सौ पचास रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करने का आश्वासन दिया और उसके बाद नए चालको को एम्बुलेंस दे कर संबंधित ब्लाक हॉस्पिटल पर रवाना किया
। इस दौरान काफी एंबुलेंस गाड़ियां स्टार्ट भी नहीं हुई ,चालक परेशान रहे । जिसके लिए जानकार को बुलाकर एम्बुलेंस को गाड़ियां स्टार्ट करके दी जाने लगी ।
एंबुलेंस कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र गुप्ता ने कहा कि हमारी लड़ाई आर पार की हो चली है ,प्रशासन जबरदस्ती हम लोगों पर दबाव बना रहा था। हम लोग चाबियां सौंपकर लखनऊ के लिए रवाना हो गए हैं ।वहा धरना पर बैठेंगे ।
एंबुलेंस कर्मचारी संघ के संगठन मंत्री जाबिद अली ने कहा कि हम लोगों से चाबियां छीनी गई और हम लोग लखनऊ धरना प्रदर्शन के लिए रवाना हो गए हैं ।जिसमें सभी 412 एंबुलेंस कर्मचारी शामिल होंगे ।
जिन नए चालकों को जो जिम्मेदारी दी जा रही उनके साथ ठगी की जा रही है। उनका भी शोषण करेंगे और काम लेने के बाद उन्हें भी भुगतान नहीं करेंगे।