प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखने पर
टीकाकरण को तैयार हुए ग्रामीण
जागरूकता
• पहले प्रधान, कोटेदार और लेखपाल का टीकाकरण कराकर दूर किया गया भ्रम
• शत-प्रतिशत के करीब पहुंचाया 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण
संकल्प सवेरा,जौनपुर। जिले के मुफ्तीगंज ब्लॉक के कुछ ग्रामीण कोविड टीकाकरण के लिए तैयार नहीं थे। सभी ने स्वास्थ्य विभाग की हर कोशिशों का विरोध किया। अंततः ग्रामीणों की मांग पर प्रधान, लेखपाल और कोटेदार ने टीका लगवाया। कुछ दिनों तक जब किसी में इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखा तब जाकर सभी लोग कोरोना टीकाकरण के लिए तैयार हुए। इस कोशिश के लिए जिलाधिकारी ने कोटेदार और लेखपाल को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
यह वाक्या मुफ्तीगंज ब्लाक के पेशारा उपकेंद्र अंतर्गत ग्राम भौसिंहपुर, करमौली रसूलपुर, इकौना, पेशारा, माधोपुर से संबंधित है। मई 2021 तक यहां के लोग टीका लगवाने सीएचसी मुफ्तीगंज जाते थे। अप्रैल में हुए स्वास्थ्य विभाग के एक सर्वे में पता चला कि इन गांवों के लोग बहुत कम टीका लगवा रहे हैं।
ब्लाक मोनीटरिंग समन्वयक (बीएमसी) शाहिद अली ने इसका कारण जाना तो पता चला कि इसके पीछे एक अफवाह थी। इस अफवाह का निराकरण करने को उन्होंने समझाने का निर्णय लिया।
कोटा बांटते समय या कहीं भीड़ दिखी तो वहीं पर वह लोगों को समझाने पहुंच गए लेकिन वहां भी उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। उन्होंने गाँववालों को बताया कि यह दवाई नहीं बल्कि कोरोना बीमारी से लड़ने के लिए शरीर को ताकतवर बनाने का टीका है। इसकी दोनों डोज मैं लगवा चुका हूं।
फिर भी लोग उन्हें सुनने को तैयार नहीं हुए। 24 मई को बीएमसी ने 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण के लक्ष्य की जानकारी ली और गांव के सम्भ्रान्त लोगों, प्रधान, कोटेदार, सफाईकर्मी और ग्राम विकास अधिकारी से उन्होंने बात की। उनके समझाने पर गांव के कुछ लोग तैयार हो गए।
उन्होंने कहा कि यदि गांव के प्रधान, कोटेदार और मुखिया टीका लगवा लेंगे तो हम लोग टीका लगवा लगेंगे। जून में अलग-अलग तिथियों पर इन गांवों में टीकाकरण का सत्र निर्धारित हुआ। जहां गांव के प्रधान, कोटेदार आदि को ही पहले टीका लगवाया गया। टीका लगवाने वालों में टीकाकरण का कोई दुष्प्रभाव नहीं दिखा। इससे खुश होकर गाँव के कुछ लोगों ने बीएमसी के साथ मिलकर गांव में टीकाकरण का प्रचार-प्रसार किया।
इसके चलते 45 वर्ष से अधिक उम्र के लिए गांव के निर्धारित लक्ष्य भौसिंहपुर के लिए 365, करमौली रसूलपुर के लिए 104, इकौना के 663, पेशारा में 845, माधोपुर के 100 टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है। भौसिंहपुर में 100 लोगों का टीकाकरण शेष है। बाकी 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों ने टीका लगवा लिया है। इसमें ग्राम विकास अधिकारी आशुतोष त्रिपाठी ने बहुत सहयोग दिया।
टीकाकरण में सहयोग देने के लिए 19 जून को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कोटेदार जगदीश चौहान और लेखपाल राजेश बाबू को कलक्ट्रेट बुलाकर प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डॉ नरेंद्र सिंह ने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है ।
अफवाहों का निराकरण कर सही जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास एक टीम है। ऐसी स्थितियां आती रहतीं हैं। सही जानकारी देकर लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
ऐसे तैयार हुए लोग–
(दोनों लाभार्थियों के मोबाइल नं. एक ही हैं—8808382946)
—पेशारा गांव के मनिक राज (52) ने अपने विरोध करने का कारण बताते हुए कहा कि मुझे लग रहा था कि टीका लगवाने के बाद बुखार आ जाएगा या ज्यादा गंभीर समस्या आ सकती है। इसलिए मैं टीका लगवाने का विरोध कर रहा था। प्रधान, कोटेदार और लेखपाल के लगवाने के बाद मेरी गलतफहमी दूर हो गई और मैंने टीका लगवा लिया।
—पेशारा गांव के ही उदयराज (50) कहते हैं कि पास के एक गांव में टीका लगवाने के बाद कुछ बुरा होने की अफवाह थी। बीएमसी शाहिद अली, लेखपाल राजेश बाबू और कोटेदार जगदीश चौहान ने बार-बार समझाकर मेरी गलतफहमी दूर किया। इसलिए मैंने टीका लगवाया।