ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद ही भक्तों को यात्रा की अनुमति दी जाएगी.,सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसी बातों का विशेष ध्यान रखना होगा.
देश में कोरोना संक्रमण शुरू होने के बाद मार्च में ही वैष्णो देवी की यात्रा बंद कर दी गई थी. पहले सप्ताह 2,000 श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन को जा सकेंगे, जिनमें 1,900 भारतीय और 100 विदेशी यात्री हो सकते हैं.
कोरोना संकट के चलते बंद हुआ वैष्णो देवी का दरबार आज भक्तों के लिए खोल दिया गया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने रविवार 16 अगस्त से मां वैष्णो देवी की यात्रा को शुरू करने की अनुमति दी थी. देश में कोरोना संक्रमण शुरू होने के बाद मार्च में ही वैष्णो देवी की यात्रा बंद कर दी गई थी. पहले सप्ताह 2,000 श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन को जा सकेंगे, जिनमें 1,900 भारतीय और 100 विदेशी यात्री हो सकते हैं.
श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार के मुताबिक, यात्रा में शामिल होने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कई नियम बनाए हैं. इस दौरान भक्तों को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसी बातों का विशेष ध्यान रखना होगा. सभी प्रवेश द्वार पर यात्रियों की थर्मल जांच की जाएगी. लोगों को फोन में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा.
उन्होंने बताया कि 60 साल के अधिक उम्र के व्यक्ति, बीमारियों से जूझ रहे व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों को धार्मिक स्थलों के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा. हालात सामान्य होने के बाद इस परामर्श की समीक्षा की जाएगी. साथ ही साथ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद ही भक्तों को यात्रा की अनुमति दी जाएगी.
इसके अलावा, माता के भवन में एक बार में 600 से ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकेंगे. जम्मू-कश्मीर प्रशासन के ये दिशानिर्देश 30 सितंबर तक लागू रहेंगे. इसके अलावा श्रद्धालु मंदिर परिसर में किसी प्रकार का चढ़ावा नहीं चढ़ा सकेंगे. देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को छूना भी वर्जित होगा.
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मनोज सिन्हा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल नियुक्त किए गए हैं. इसके बाद उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश के सभी तीर्थस्थलों को खोलने का फैसला किया है. इसके लिए 16 अगस्त की तारीख तय की गई है.