उत्तर प्रदेश की सत्ता पर आसीन हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अभी चार साल भी पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन आज बीजेपी शासित तमाम राज्यों के लिए वो एक रोल मॉडल बन गए हैं. योगी आदित्यनाथ के फैसले बीजेपी के उन राज्यों के लिए भी नजीर बन रहे हैं जहां बीजेपी शासित सरकारों का दूसरा या तीसरा कार्यकाल चल रहा है. लव जिहाद, गौहत्या, प्रदर्शनकारियों पर सख्ती जैसे कई मामले हैं जहां सीएम योगी बीजेपी शासित राज्यों का एजेंडा सेट करते दिखते हैं.
योगी का धर्मांतरण विरोधी कानून
योगी आदित्यनाथ सरकार जबरन होने वाले धर्मांतरण के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध अध्यादेश-2020 लेकर आई है. ये ‘लव जिहाद कानून’ के तौर पर ज्यादा प्रचारित है. योगी आदित्यनाथ के इस कानून की भले ही कुछ लोग आलोचना कर रहे हों, लेकिन बीजेपी शासित राज्य इसे अपनाने में जुटे हैं. उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हरियाणा, मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे बीजेपी शासित राज्य इसपर काम कर रहे हैं.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यूपी और अन्य राज्यों में लागू कानूनों का अध्ययन करने के लिए तीन सदस्यीय समिति भी गठित कर दी थी. मध्य प्रदेश के चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसकी तैयारी कर रहे हैं, जिसके लिए एमपी विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा दिसंबर के पहले सप्ताह में लखनऊ पहुंचे ताकि अध्यादेश के प्रावधानों को समझ सकें.
कर्नाटक सरकार भी ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के अध्यादेश के प्रावधानों का अध्ययन कर रही है. बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार से बीजेपी नेता ऐसे ही कानून की मांग उठा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश की बीजेपी सरकार भी ऐसा ही धर्मांतरण रोकने का कानून लेकर आई है.
गौहत्या विरोधी कानून
योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सत्ता पर काबिज होते ही गौहत्या की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाए थे. इस दिशा में योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश गोवध निवारण कानून बनाया, जिसके तहते गौहत्या पर 3 से 10 साल की सजा और गौवंश को शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने पर पौने दो साल की सजा का प्रावधान है. यूपी की तर्ज पर कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार ने भी ऐसा ही कानून बनाया है.
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कानून बनाने से पहले अपने पशुपालन मंत्री प्रभु चव्हाण को लखनऊ भेजा था. हरियाणा की खट्टर सरकार ने भी गौहत्या के खिलाफ यूपी की तरह सख्त कानून बनाया है.
प्रदर्शनकारियों से हर्जाने की वसूली
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नागरिकता कानून के विरोध-प्रदर्शन से सख्ती से निपटी थी. विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों के नुकसान की भरपाई के लिए प्रदर्शनकारियों से वसूली की गई थी. उनके पोस्टर भी चौराहों पर चस्पा किए गए थे. इसके बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों से सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान का हर्जाना वसूलने की संभावनाओं पर विचार करें. इसके अलावा मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने भी भोपाल में सीएए के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में हर्जाने के लिए कई लोगों को नोटिस भेजा था.
शहरों के नाम बदलना
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से कई शहरों के नाम बदले हैं, जिनमें इलाहाबाद को बदलकर प्रयागराज और फैजाबाद जिला का नाम अयोध्या किया गया है. इतना ही नहीं आगरा के मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम रखा गया है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरह मध्य प्रदेश में भी कई शहरों का नाम बदलने की मांग उठ रही है. मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने भोपाल के ईदगाह हिल्स, इंदौर और होशंगाबाद का नाम बदलने की मांग उठाई थी, जिसे पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने समर्थन करते हुए कहा था कि तथ्य और प्रमाण जिसके पक्ष में होगा वह काम किए जाएंगे. नाम बदलने की जरूरत है.