पूर्वांचल परिक्षेत्र में पर्यटन की असीम संभावनाएँ: कीर्तिमान श्रीवास्तव
पूर्वांचल परिक्षेत्र में पर्यटन की संभावना पर ई-संगोष्ठी का आयोजन
संकल्प सवेरा जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा स्वीकृत पर्यटन प्रबंधन एवं शोध उत्कृष्टता केंद्र द्वारा विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पूर्वांचल परिक्षेत्र में पर्यटन की संभावना पर एक दिवसीय ई-संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के वाराणसी एवं विंध्याचल परिक्षेत्र के पर्यटन अधिकारी श्री कीर्तिमान श्रीवास्तव ने सरकार द्वारा पर्यटन के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि कई परियोजनाएं जैसे क्रूज, रोप वे, रिवरफ्रंट, टूरिज्म सर्किट का क्रियान्वयन हो रहा है ,जिससे कि आने वाले समय में पूर्वांचल परिक्षेत्र में पर्यटन को गति मिल सकेगी ।श्री कीर्तिमान श्रीवास्तव ने कहा कि इको टूरिज्म को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो निर्मला एस. मौर्य ने पूर्वांचल परिक्षेत्र के सभी जनपदों में पर्यटन की असीम संभावनाओं को रेखांकित किया जिसमें प्रमुख रूप से सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत, धार्मिक महत्व, प्राकृतिक सौंदर्य के महत्व एवं योगदान पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने पर्यटन विकास के सामाजिक एवं आर्थिक पहलू पर चर्चा करते हुए बताया की पर्यटन से रोजगार, राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में उन्नयन होता है ।
इस अवसर पर प्रबंधन अध्ययन संकाय के संकाय अध्यक्ष प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने पर्यटन पर अपने शोध कार्य पर चर्चा करते हुए कई व्यावहारिक, धार्मिक एवं सामाजिक दृष्टिकोण और उनके प्रभाव का उल्लेख किया।
सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत करते हुए उत्कृष्टता केंद्र के समन्वयक डॉ आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि जौनपुर, वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर ,गाजीपुर आदि जिलों में पर्यटन स्थलों के विकास के लिए आवश्यक आधारभूत सुविधाओं एवं पर्यटन से संबंधित मानव संसाधन कौशल विकास में निपुणता का आकलन एवं भविष्य की कार्य योजना पर शोध किया जा रहा है।
डॉ आशुतोष सिंह ने बताया की संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा सन् 1980 से 27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस रूप में मनाया जाता है । इस वर्ष का पर्यटन दिवस समावेशी विकास को समर्पित किया गया है। विगत लगभग डेढ़ वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र को अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ा है ।
धन्यवाद ज्ञापन श्री राकेश उपाध्याय द्वारा किया गया । इस अवसर पर प्रो. मानस पाण्डेय,प्रो. अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो. अजय द्विवेदी ,प्रो. विक्रम देव,प्रो राजेश शर्मा, डॉ रसिकेश,डॉ गिरधर मालवीय,डॉ निपेंद्र सिंह,डॉ कमलेश मौर्य ,श्री अभिनव श्रीवास्तव, श्री अनुपम, श्री नितिन चौहान, श्री चन्द्र प्रकाश अग्रवाल एवं सभी छात्र छात्राएं उपस्थित थे।