रिश्वत न देने का अंजाम भुगत रहा पीड़ित फैजान
जौनपुर। अच्छे दिन आने की उम्मीद लिए केन्द्र में नरेन्द्र मोदी व सूबे में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए वोट डालने वालों के सपने बिखरने लगे हैं। केन्द्र के ही महकमों के कामकाज में कोई बदलाव नहीं आया। एक तरफ प्रधान मंत्री लाल किले की प्राचीर से युवाओं को रोजगार देने की बात कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ केन्द्र सरकार के अधीन डाक विभाग मृतक आश्रित को ही उसका हक न देकर नरेन्द्र मोदी की साख पर बट्टा लगा रहा है।
भ्रष्टाचार की अहम कड़ी माने जाने वाले बाबुओं को पी0एम0 नरेन्द्र मोदी सार्वजनिक सभाओं तक में नसीहत दे चुके हैं। जिसके इतर डाक विभाग के बाबू अपनी कार्यशैली में कोई बदलाव करने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। नजीर के तौर पर पेश है डाक महकमें का एक मामला। एक कर्मचारी के इंतकाल के 09 बरस बीत चुके हैं आरोप है कि रिश्वत न देने के कारण मृतक आश्रित अभी तक विभाग के चक्कर काट रहा है।
गौरतलब हो कि दीवानी न्यायालय परिसर स्थित उपडाकघर में ग्रामीण डाक सेवक के पद पर कार्यरत रहे जफराबाद नगर के नासही मोहल्ला निवासी सैयद मुहम्मद जकी की सेवाकाल के दौरान 16 मई 2011 को मृत्यु हो गई। मृतक के ज्येष्ठ पुत्र सैयद फैजान आब्दी ने अनुकम्पामूलक नियुक्ति हेतु जनवरी 2012 में डाक अधीक्षक कार्यालय में दावा प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना आदर्श मानते हुए न खाऊंगा न खाने दूंगा की तर्ज पर चल रहा
पीड़ित सैयद फैजान आब्दी का आरोप है कि केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) इलाहाबाद द्वारा अप्रैल 2019 में नियुक्ति देने का आदेश पारित हुए 15 माह से अधिक व्यतीत होने के पश्चात भी डाक विभाग द्वारा अभी तक उसे नियुक्ति प्रदान नहीं की गयी। केवल पत्राचार चल रहा है। हालांकि पीड़ित ने इसकी लिखित शिकायत जनप्रतिनिधियों सहित विभाग के तमाम उच्चधिकारियों से भी की लेकिन वह केवल नक्कार घर में तूती की आवाज बनकर रह गयी।