जौनपुर-जिला मुख्यालय पर सरदार सेना सामाजिक संगठन के द्वारा प्रशासनिक अधिकारी को चार सूत्री ज्ञापन सौंपा गया इस दौरान जिलाध्यक्ष अरविन्द कुमार पटेल ने कहा कि जहां एक तरफ पूरी दुनिया में कोरोना एक वैश्विक महामारी है जहां पूरी दुनिया की सरकारें कोरोना से लड़कर अपने देशवासियो को बचाने में लगे है
वहीं हमारे देश व प्रदेश की सरकारें कोरोना काल में भी वंचितों के आरक्षण को समाप्त करके सवर्णवाद को बढ़ावा देने हेतु कुचक्र रच रही है
चुंकि उ0प्र0 के योगी सरकार द्वारा वर्तमान में उ0प्र0 लोक सेवा आयोग द्वारा भरे जाने वाले खण्ड विकास अधिकारी श्रेणी-װ (राजपत्रिका)के पद को उ0 प्र0 सरकार के ग्राम्य विकास विभाग द्वारा प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरे जाने का आदेश जारी किया है बताते चले कि सरदार सेना सामाजिक संगठन लगातार वंचितों के आरक्षण के खिलाफ हो रहे कुठाराघात को लेकर आन्दोलित रही है। कोरोना के काल आड़ में यूपी सरकार द्वारा जो निर्णय लिया गया है यह सर्वथा अन्यायपूर्ण है। बताते चले कि उ0 प्र0 सरकार के ग्राम्य विकास विभाग ने आदेश संख्या-फ257/38-1-2020-3541/2018 ग्राम्य विकास अनुभाग-1 दिनांक
-30/04/2020 द्वारा राजपतित्रका सेवा नियमावली 1991 में संशोधन कर खण्ड विकास अधिकारी के 336 पर प्रतिनियुक्ति के माध्यम से भरे जाने का निर्णय लिया गया है। जिस पर सरदार सेना समाजिक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आर एस पटेल के निदेर्शानुसार प्रदेशव्यापी ज्ञापन निम्नवत मांगो को लेकर दिया जा रहा है ।
- खण्ड विकास अधिकारी का पद विकास खण्ड स्तरीय श्रेणी-11 का पद है जिसकी नियुक्ति प्रक्रिया लोक सेवा आयोग उ0प्र0 द्वारा परीक्षा के माध्म से सम्पन्न की जाती है। आयोगकी अनुशंसा के आधार पर राज्यपाल के हस्ताक्षर/अनुमति से इनकी नियुक्ति की जाती है लोक सेवा आयोग द्वारा भरे जाने वाले इतने महत्वपूर्णपद को प्रतिनियुक्तिके अधार पर भरा जाना कदापि उचित नही है।
- प्रतियोगी परिक्षा के माध्यम से भरे जाने वाले पद को प्रतिनियुक्ति से भरे जाने पर प्रतियोगी छात्रों के साथ घोर अन्याय होगा चूंकि प्रतियोगी छात्र कई-कई वर्षों से इसी प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी कर रहे है। यह एक महत्वपूर्ण विन्दू है कि यदि ये पद प्रतिनियुक्ति के आधार पर भर दिये गये तो वर्तमान में तैयारी कर रहे बहुत से अभ्यर्थियों की उम्र सीमा समाप्त हो जाएगी। अत: इस तरह प्रतियोगी छात्रों के साथ अन्याय होगा।
- उ0प्र0 लोक सेवा आयोग जैसे संवैधानिक संस्था से भरे जाने वाले पदों पर राज्य सरकार द्वारा इस तरीके से मनमानी की जायेगी तो संविधान सम्मत आरक्षण की नीति का उल्लघंन होगा जिसके कारण आरक्षित वर्गों से आने वाले अभ्यर्थियो पर सीधे सीधे कुठाराघात होगा।
4.आरक्षित वर्गों के हितों को देखते हुये सरदार सेना समाजिक संगठन यह मांग करती है कि ग्राम्य विकास विभाग के उपरोक्त आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए। चूंकि प्रथम दृष्टतया ऐसा लगता है संवैधानिक संस्था का हनन करते हुये उपरोक्त विभाग द्वारा आरक्षित वर्गों के अधिकारो का हनन जान बुझकर किया जा रहा है तथा एक बड़े शाजिस के तहत करोड़ों रुपए की घूसखोरी तथा भ्रष्टाचार की पूरी योजना तैयार की गयी है जिसमें पूरा सिंडीकेट कार्य कर रहा है।
इस दौरान ज्ञापन सौपते हुए राज्यपाल महोदया से अपील करते हुये कहा कि आरक्षित वर्गों में जो असंतोष एवं शासन के विरूद्ध अविश्वास पैदा हो रहा है उसका तत्काल निराकरण किया जाये तथा उपरोक्त नियुक्ति को तत्काल निरस्त कर हाई कमेटी की जांच बैठाई जाय जिससे प्रदेश में एक अच्छा संदेश जाए। अगर ऐसा नही हुआ तोआरक्षित वर्गों के हितों हेतु सरदार सेना समाजिक संगठन पूरे प्रदेश में जनआन्दोलन करने को मजबूर होगी जिसकी पूरी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी।