शासन का पत्र मिलते ही शहीद परिवार की लालसा पूरी होने की जगी उम्मीद
केराकत(जौनपुर) 30 अगस्त। भौरा गांव के बलिदानी परिवार के लालसा शासन से पत्र आने के बाद पूरी होने की उम्मीदों ने पंख फैला दिया है, इस लालसा को मन में लिए बलिदानी संजय के पिता श्यामनारायण सिंह वृद्धावस्था में पुत्र के बलिदान होने के बाद लगातार इसके लिए संघर्षरत रहे। लालसा पूरी होने की आस में गांव में भी खुशी का माहौल है।
जम्मू कश्मीर के पम्पोर में 25 जून 2016 को फायरिंग रेंज से वापस आते समय सैनिकों की बस पर अचानक लश्कर ए तैयबा के आतंकवादियों ने हमला कर दिया। जिसमें फ्रंट सीट पर बैठे संजय सिंह के सीने में एक गोली लगी, गोली लगने के बावजूद उन्होंने आतंकवादियों से मोर्चा लेते हुए अपने असलहे से एक आतंकवादी को मौत के घाट उतार दिए।
देश पर बलिदान होने के बाद सरकार ने वायदा किया कि उनके नाम से ग्राम सभा का नाम होगा, गांव में उनकी मूर्ति लगेगी, घर तक पक्की सड़क होगी, लेकिन आज तक एक भी वायदा पूरा नहीं हो सका। बलिदानी के पिता श्यामनारायण सिंह एवं माता बीना सिंह ने लगातार इस प्रयास में रहे कि उनके वीर पुत्र के नाम से इस गांव में कुछ यादें रहे। उन्होंने लगातार शासन को पत्र के माध्यम से इसकी मांग करते रहे।
अब शासन के पत्र आने से उनकी लालसा पूरी होने की उम्मीद जगी है। शासन के पत्र के अनुसार गांव को शहीद ग्राम घोषित किया जाय, इस गांव को पक्के सम्पर्क मार्ग से जोड़ा जाय तथा इस मार्ग का नाम गौरव पथ मार्ग के नाम से जाना जाय। गांव में तोरण द्वार और बलिदानी सैनिक की मूर्ति स्थापित किया जाय। इस पत्र के आने के बाद से बलिदानी परिवार व गांव में खुशी का माहौल है।
वीर बलिदानी पुत्र के पिता श्यामनारायण सिंह ने कहाकि हर काम के लिए प्रशासन हीलाहवाली करता है। पत्र आने के बाद भी अभी तक किसी प्रशासनिक अमला सुस्त बैठा है। उनका पूरा परिवार जिलाधिकारी से मिलने जाएगा और पत्र के अनुसार कार्य को पूर्ण करने की मांग करेगा।