राजू श्रीवास्तव की स्टैंडिंग कॉमेडी और सेंस ऑफ ह्यूमर लाजवाब था – पंकज कुमार मिश्रा
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संकल्प सवेरा, जौनपुर। 10 अगस्त को राजू श्रीवास्तव जिम में वर्कआउट के दौरान अचानक बेहोश होकर गिर गए थे। जिसके बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। उनके भाई ने मीडिया को जानकारी दी थी कि राजू श्रीवास्तव सुबह वर्कआउट के समय ट्रेडमिल पर अचानक गिर गए थे। इसके बाद उन्हें दिल्ली एम्स ले जाया गया जिन्होंने 41 दिन जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष किया और बुधवार 21 सितंबर की सुबह जिंदगी की जंग हार गए ।
श्रीवस्तव को अस्पताल में भर्ती के समय उनके हार्ट ऐर पल्स लगभग सामान्य काम कर रहे थे लेकिन ब्रेन के एक हिस्से में इंजरी के निशान हैं ।ये इंजरी दिमाग में ऑक्सीजन नहीं पहुंचने की वजह से हुई है. शुक्रवार 13 अगस्त को राजू श्रीवास्तव का एमआरआई कराया गया था जिसमें आया था कि सिर के सबसे ऊपरी हिस्से के ब्रेन पार्ट में कुछ धब्बे पाए गए ।
इन्हीं धब्बों को डॉक्टर इंजरी बता रहे हैं। एमआरआई में दिखी ये इंजरी चोट लगने के कारण नहीं हुई है बल्कि 10 तारीख़ को जिम में बेहोश होने के क़रीब 25 मिनटों तक आक्सीजन की सप्लाई रुक जाने के कारण हुई है । दरअसल दिल का दौरा पड़ने के साथ ही राजू की पल्स चलना भी लगभग बंद हो गई थी जिसके कारण ब्रेन में आक्सीजन की सप्लाई रुक गई थी । जिसके कारण ब्रेन के इस हिस्से को नुक़सान हुआ । अगर आपसे पूछा जाए तो ¹1 राजू श्रीवास्तव, सुनील ग्रोवर और कपिल शर्मा – इन तीनों में सबसे अधिक शुद्ध कॉमेडी किसकी है? यह सर्वे तब का था जब कपिल शर्मा नए नए खूब चर्चा में आए थे।
सर्वे का रिजल्ट चौकाने वाला था। उस वक्त भी पहले नंबर पर राजू श्रीवास्तव, दूसरे नंबर पर सुनील ग्रोवर और तीसरे नंबर पर कपिल शर्मा। राजू को ज़मीन से जुड़े, आम आदमी की साधारण सोच और जीवन शैली का हास्य व्यंग कार बताया गया। राजू की कॉमेडी में सबसे बड़ी बात ये रही है कि उसमें किस्सागोई जबरदस्त थी और यही किस्सागोई लोगों को बांधकर रखती थीं। उस किस्सागोई में हर किसी के समाज और जिंदगी की झलक होती थी। सबका दुःख, सुख उससे जुड़ जाता था। वो जब मुंबई की सात बहनों और एक फादर दादर की कहानी सुनाते थे या फिर गजोधर भैया पात्र के बहाने व्यंग्य किया करते थे तो हर किसी को लोटपोट कर देते थे।
वहीं सुनील ग्रोवर के बारे में राय थी कि उनकी अदायगी का कोई सानी नहीं है। परफेक्ट मिमिक्री के साथ उम्दा अदायगी उनकी पहचान रही है। जबकि कपिल शर्मा का सेंस ऑफ ह्यूमर और पंचिंग वाली जाहिरजवाबी बेमिसाल है। यही वजह थी कपिल एक बेस्ट शो प्रेजेंटर भी बने और हाई प्रोफाईल गेस्ट इवेंट की बदौलत उनका शो हिट हो गया। लेकिन किसी की शुद्ध कॉमेडी अगर यादगार रहेगी तो राजू श्रीवास्तव की। आज उसी राजू श्रीवास्तव याकि गजोधर भैया को सारा देश जगाना चाहता रहा उठो गजोधर भैया! हर किसी के दिल में इसी एक चमत्कार की आस कि वो जल्द स्वस्थ हों। 2012 में समाजवादी पार्टी से जुड़ कर राजू श्रीवास्तव ने अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। अखिलेश सरकार ने उन्हें सांसदीय का टिकट भी दिया था,
मगर किन्ही कारणों से चुनाव से कुछ दिन पूर्व ही उन्होंने टिकट वापस कर दी। इसके बाद राजनाथ सिंह ने उन्हें भाजपा पार्टी में शामिल कराया। जिसके बाद वह मोदी के स्वच्छता अभियान के ब्रांड एंबेसडर बने। साथ ही उन्हें पार्टी ने स्टार प्रचारक का भी जिम्मा सौंपा। योगी सरकार के बनते ही उन्हें दर्जा प्राप्त मंत्री बनाया गया।राजू श्रीवास्तव का जन्म 25 दिसंबर 1963 में हुआ था। कानपुर में रहने वाले राजू एक मिडिल क्लास फॅमिली के थे। इनके पिता रमेश चंद्र श्रीवास्तव एक जाने माने कवी थे। जिन्हें बलाई काका के नाम से जाना जाता था। राजू श्रीवास्तव को बचपन से ही बड़े-बड़े अभिनेताओं और नेताओं की मिमक्री करनी पसंद थी और वह अपनी ही स्टाइल में लोगों को हसाने का काम करना चाहते थे। यही वजह रही थी की वह एक दिन भारत के सर्वश्रेष्ठ कॉमेडियन के तौर पर जाने गए।कॉमेडी शो के अलावा राजू कई सारी फिल्मों में भी नजर आ चुके हैं । इनमें ‘मैंने प्यार किया’, ‘बाजीगर’, ‘बॉम्बे टू गोवा’ और ‘आमदनी अठ्ठनी खरचा रुपैया’ सहित कई फिल्मों का नाम शामिल है । वह रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ के तीसरे सीजन में भी नजर आए थे । ये यूपी फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष हैं । राजू श्रीवास्तव जो 1980 के दशक से मनोरंजन उद्योग में सक्रिय हैं, उत्तर प्रदेश में यूपी फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष भी हैं ।
राजू श्रीवास्तव ने सलमान खान, शाहरुख खान, अनिल कपूर, गोविंदा, नसरुद्दीन शाह, मिथुन चक्रवर्ती, सनी देओल जैसे बड़े हीरो की फिल्मों में काम किया है। राजू श्रीवास्तव एक हास्य कलाकार है इनको फिल्मों में हास्य कलाकार के रोल दिए जाते है। राजू श्रीवास्तव अपनी बेहतरीन अदाकारी से दर्शकों के चेहरों पर मुस्कान ला देते हैं। वर्ष 2005 में टीवी पर एक शो शुरू हुआ जिसका नाम था द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज, इस शो में भारत के कोने कोने सर हास्य कलाकारों ने भाग लिया जिसमें से राजू श्रीवास्तव एक थे। जैसे-जैसे यह शॉप बढ़ता गया वैसे-वैसे राजू श्रीवास्तव का नाम बढ़ता चला गया।
इस शो में राजू श्रीवास्तव ने अपनी कॉमेडी से ना तो सिर्फ जजों का दिल जीता बल्कि पूरे भारत में उनको पसंद किया जाने लगा। राजू श्रीवास्तव को इस शो से ही गजोधर के नाम से जाना जाने लगा ।कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्तव के किस्से भी खूब है , उनकी हर अदा पर दर्शकों ने खूब हूटिंग की। ठहाके लगाते-लगाते लोग लोट-पोट हो गए। कड़ाके की ठंड में भी हंसते-हंसते दर्शकों के पसीने छूटने लगे। मोती झील मैदान में चल रहा यह महोत्सव देर रात तक तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। कड़ाके की ठंड में पीला जैकेट और नीली जींस पहने राजू श्रीवास्तव डांस करते जैसे ही स्टेज पर आए, लोगों ने जर्मजोशी से उनका स्वागत किया। लोगों का प्यार देख राजू श्रीवास्तव ने कहा कि मजाक-मजाक में इतने लोग आ गए, अच्छा है। इस पर लोग खिलखिलाकर हंस पड़े। इसके बाद गजोधर भइया ने अपनी एक्टिंग से समा बांधना शुरू किया। उन्होंने कहा कि काहे हंस रहे हो, अभी हम केवल नाचे हैं, सुनावा त कुछ नाही, इस पर दर्शकों ने खूब हूटिंग की। राजू श्रीवास्तव ने कहा कि जानत हो भैया, हमरे देश क अजीबो-गरीब परंपरा हउवे, नौ दिन त लोग खाना-पीना छोड़ के जै दुर्गा-जै दुर्गा करत हैं, जइसे ही दसवां दिन आत है, दै मुर्गा-दै मुर्गा करन लागत हैं। यह सुनते ही लोग लोट-पोट होने लगे। चिकित्सा व्यवस्था पर, बॉलीवुड पर और खूब सारे मुद्दे पर जमकर चुटकी लेने वाले गजोधर भैया ,अपने चुनावी दौरे को भी चुटकुले अंदाज में बयान किया। उन्होंने कहा कि जब हम कानपुर के कैंडिडेट बनकर आए त हम एक दिन हैलेट गए फल बांटे। उहां गए तो देखा चार मनई जीने पर बैठे हैं। जब हमने उनसे पूछा इहां काहे बैठे हो तो उ लोग कहीं, भैया एको खटिया अस्पताल में खाली नाही है, एही से हम लोग इहां बैठ कर इलाज करवा रहे हैं। इसपर लोगों ने जमकर सीटी बजाई। राजू श्रीवास्तव अपनी कॉमेडी से सभी दर्शकों का मन मोह लेते थे और दर्शकों को यह सीरियल बहुत ही ज्यादा पसंद आता था। लीजेंड ऑफ इंडियन कॉमेडी को विनम्र श्रद्धांजलि ।