उर्से शम्सी पर की गईं मुल्क में अमनो अमान की दुआ
कोविड के चलते नहीं निकला शहर में जुलूस, नहीं हुआ भव्य कार्यक्रम
संकल्प सवेरा,जौनपुर। उर्से शम्सी आलिमे दीन हजरत मौलाना समसुद्दीन की याद में पहली मोहर्रम को मनाए जाने वाला उर्से शम्शी विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी मंगलवार को सादगी के साथ मनाया गया ।
कोविड-19 को देखते हुए इस साल ना तो जुलूस निकाला गया और न ही बाहर से आने वाले जायरीन ही पहुंचे। जिला कारागार के पीछे स्थित हजरत कुतुब बिनाय दिल के आस्ताने के पास 41 वे उर्से शम्सी कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए
आलिमे दीन हजरत मौलाना समसुद्दीन अहमद जाफरी की मजार पर चादर चढ़ाई गई । बाद में दुआ ख्वानी कर सलाम का नजराना पेश किया गया और मुल्क में अमन -ओ -अमान के लिए दुआ की गई चादर पोशी के बाद तबर्रुक का वितरण किया गया ।
इस मौके पर हजरत मौलाना मोहिउद्दीन अहमद हेशाम, हजरत मौलाना अब्दुल कुद्दुस, हजरत मौलाना अब्दुल हक, हजरत मौलाना शरीफ उल हक, हजरत मौलाना क्यामुद्दीन, मौलाना साबिर, जलालुद्दीन अहमद उसैद, मरकजी सीरत कमेटी के पूर्व खजांची व युवा समाजसेवी शकील मंसूरी, अतीक़ अहमद, सहजादे अन्य लोग उपस्थित रहे ।
दरअसल पहली मोहर्रम को मनाए जाने वाले उर्स शम्सी के लिए पहले मदरसा हनफ़िया आलम खा से जुलूस निकलता था। जिसमें जिले के बाहर से भी तमाम जायरीन शामिल होते थे । इस बार करोना संक्रमण को देखते हुए सिर्फ उर्स की रस्म अदायगी की गई।