एक सलाह, आपके हज़ारों रुपयों को बचा देगी:डॉ विजय नाथ मिश्रा
संकल्प सवेरा।भूतों की तरह जीभ निकाल के सिर हाथ पैर के साथ सर के बालों को हिलाते हुए औरतें बच्चे आदमी हम सबने अपने जीवन में देख है। इनमें से कई तो बार बार गिर के बेहोश हो जाते तो लोग जूता सुँघाते पानी डालते हुए दिख जाएँगे।
बाद में, गाँव मुहल्ले के कोई ना कोई मिल जाएँगे जो आपको किसी जड़ी बूटी बाबा के यहाँ या किसी मंदिर मज़ार या क़ब्रिस्तान शमशान तक इसका इलाज आपको बता देंगे।
देश में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं जहां आज भी झाड़ फूक से ऐसे मरीज़ों का इलाज करते हैं और कुछ दिनों में इन्हें घर भेज दिया जाता है। इनमें से कइयों के साथ झाड़ फूक के नाम यौन शोषण तक हो जाता है और कोई चू नहीं बोलता।
सबसे बेवक़ूफ़ तो हम जैसे करोणों माँ बाप हैं कि ऐसा होने पर मरीज़ों को चिकित्सालय की जगह, बाबाओं मौलवियों पादरियों धर्म गुरुओं के चक्कर में पड अपने बच्चों का भविष्य ख़राब कर देते हैं।
क्या करें –
॰बीमारी पहचानिए। ये हिस्टीरिया या PNES है।
॰मरीज़ों को बात बात पार डर लगता है और अचानक एक शाम डर से घबरा के बेहोश हो जाएगी।
॰ऐसे बेहोशी में कैसे हिस्टीरिया या PNES पहचानें।
॰अगर बेहोशी किसी ज़िद्द या किसी लड़ाई झगड़ा के बाद होया है।
॰ अगर झटका या बेहोशी आवे तो एक वीडियो बना लिजिये। आपको चिकित्सक को दिखाने में अच्छा रहेगा।
॰अगर बेहोश मिर्गी या लकवा से हो और मरीज़ को इमरजेंसी लाया गया हो।
तो, मरीज़ की आँखें को आपको खोलने का प्रयास करना है। अगर सही की बीमारी हो जिसमें बेहोशी होती हो तो उसके पलकों को आप धीरे से उठा सकते हैं और आँख का पुतली दिखेगा। पर हिस्टीरिया की मरीज़ देखनेंमे केवल बेहोश लगेगी, उसे होश पूरा रहता है। ऐसे में अगर आप अपने अंगुलियों से पलके उठायेंगीं तो पुतली एक दम सीध में दिखेगी और मरीज़ अपने आँखों को बंद रखने के लिए जोर लगाएगी / लगाएगा।
॰अगर लकवा की तरह बिस्तर पर पड़ी हो तो अगर आप उसे एक पैर को ऊपर उठाने को कहेंगे तो उसके दूसरे एड़ी के नीचे अपनी एक हथेली रखियेगा। सही का लकवा होगा तो दूसरी पैर पर प्रेशर दे के उठाने कि कोशिश करेगा। पर अगर झूठा लकवा हो तो, उलटे पैर में कोई ज़ोर नहीं लगाएगा।
॰ऐसे मरीज़, दिन भर चिकित्सालयों में भटकते मिल जाएँगे। मात्र १० रुपये / प्रतिदिन के १ महीने के लिए दवा से ऐसे हिस्टीरिया ख़त्म हो जातें हैं।
॰ ऐसे मरीज़ों की संख्या बहुत बढ़ी है। ऐसे मरीज़, झाड़ फूंक केंद्रों की शोभा बन जातीं हैं। इसलिए सावधान हो जाइए। ना तो सिटी स्कैन में कुछ निकलेगा और ना ही, खून के जाँच में कुछ मिलेगा.
कभी ऐसे मरीज़ बहुत परेशान हो तो, @ims_bhu_neuro के पास ले आइएगा। पूरी मदद और इलाज हो जाएगा।