सिकरारा :अयोध्या से पधारे स्वामी उमादास जी महाराज ने कहा कि प्रभु राम की कथा के श्रवण से हमें जीवन में मर्यादा एवं भाई-चारे का संदेश मिलता है, जिसे हमें अपने जीवन में भी उतारना चाहिए।
अजोशी स्थित पावन महाबीर धाम पर चल रहे नौ दिवशीय संगीतमय श्रीरामकथा के दूसरे दिन मंगलवार को कथा के दौरान बीच मे ही अब ‘लेल सुधिया हमारी, अवध के बांके बिहारी’ जैसे भजनों से लोगो को भावविभोर कर दिया। पंडाल में बैठे श्रद्धालुओं को कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि इस कलयुग में भगवान राम के नाम से ही भवसागर को पार किया जा सकता है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कथा के द्वारा हमें यह मर्यादा व आपसी भाई-चारे का संदेश मिलता है। जिसे हम सभी को अपने-अपने जीवन में भी उतारना चाहिए। कहा कि आज मानव धर्म से विमुख हो रहा है। बडे़ भाग्य से मानव जीवन मिला है। 24 घंटे में एक घंटा प्रभु को स्मरण अवश्य करें। उन्होंने कहा कि शांति, जिन्होंने प्राप्त किया वे संत कहलाते है। प्रभु की कृपा से ही सत्संग मिलता है। संत समागम हरि कथा से प्रभु की विशेष कृपा से मिलती है। भौतिक पूंजी में करोड़पति हो सकता है परंतु वह पूंजी सत्संग की पूंजी के बराबर नहीं है। संत के ज्ञान सोना समान है, जिसे ग्रहण करना चाहिए।
आयोजक विजय शंकर यादव, शिवशंकर यादव, श्रीराम यादव व संचालन कर रहे ऊदल यादव ने कथावाचक सहित अजोशी धाम के प्रधान सेवक गोरखनाथ मिश्र, कानपुर से पधारे संत हरिओम महाराज, अयोध्या के सन्त त्यागी श्रीरामरतन दास लाल बाबा का माल्यार्पण कर स्वागत किया।