नई दिल्ली. कोरोना संकट की वजह से देशभर में चल रहे लॉकडाउन (Lockdown Part 3) के बीच केंद्र सरकार (Government of India Scheme) एक जून से 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में महत्वाकांक्षी राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सेवा ‘एक राष्ट्र-एक राशनकार्ड’ को अमल में लाने की तैयारी में है. वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना (One Nation, One Ration Card) इस समय काफी महत्वपूर्ण साबित हो रही है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट भी केंद्र सरकार से कह चुका है कि वह ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना अपनाने की संभावना पर विचार करे ताकि कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के दौरान पलायन करने वाले कामगारों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को रियायती दाम पर अनाज मिल सके. आइये आपको बताते हैं राशन कार्ड से जुडी सभी जरूरी बातें..
17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जोड़ा जा चुका है: पासवान
इस पहल के तहत, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के पात्र लाभार्थी एक ही राशन कार्ड का उपयोग करके देश में कहीं भी किसी भी उचित मूल्य की दुकान से अपने हिस्से का खाद्यान्न ले सकेंगे. रामविलास पासवान ने कहा कि अब तक 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जोड़ा जा चुका है और ओडिशा, मिजोरम एवं नागालैंड जैसे तीन और राज्य भी तैयार हो रहे हैं. कुल 20 राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश एक जून से राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी के शुभारंभ के लिए तैयार होंगे.
आधार कार्ड से होगी पहचानइस योजना के तहत पीडीएस के लाभार्थियों की पहचान उनके आधार कार्ड पर इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (PoS) डिवाइस से की जाएगी. इस योजना को पूरे देश में लागू करने के लिए सभी पीडीएस दुकानों पर पीओएस मशीनें लगाई जाएंगी. जैसे-जैसे राज्य पीडीएस दुकानों पर 100 फीसदी पीओएस मशीन की रिपोर्ट देंगे, वैसे-वैसे उन्हें ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना में शामिल किया जाएगा.