रिपोर्ट –अरविन्द्र सिंह बेहोश जौनपुरी
जौनपुर। लाइन बाजार थाना क्षेत्र के सैदनपुर गांव निवासी बाला लखन्दर यादव आज आपराधिक गतिविधियो के चलते अथाह सम्पत्ति का मालिक बन चुका है। अपराध के साथ-साथ राजनीति मे भी सक्रियता दिखाते हुए वह नगरपालिका परिषद जौनपुर मे सैदनपुर वार्ड से सभासद बन गया।
बता दे कि बालालखन्दर यादव को रोडवेज बस लूटने के मामले में थाना लाइन बाजार की पुलिस ने अभियुक्त बनाया है। उक्त मुकदमा सन 1996 मे दर्ज हुआ था। सरकारी अधिवक्ता की लापरवाही के कारण 24 वर्षो से इस मुकदमे मे आरोप तक तय नही हो पाया। इसमे एक अभियुक्त के विरूद्ध 23 वर्षो से गैर जमानती वारण्ट जारी है। बालालखन्दर के विरूद्ध कोतवाली मडियाहू मे भी धारा 392 भा0द0स0 का मुकदमा है। जीआरपी मे भी हत्या का मुकदमा मे भी बालालखन्दर यादव आरोपी है।
हत्या के प्रयास के अतिरिक्त धोखाधडी करके सम्पत्ति हडपने के कई मुकदमो में भी बालालखन्दर आरोपी बनाये गये है। वही सूत्रो की माने तो वर्ष 2018 मे सभासद बनने के बाद बालालखन्दर यादव ने सैदनपुर मे ग्राम प्रधान द्वारा लगवाये गये खडंजे को मनमानी ढंग से उखाडकर बेंच रहा था। इस घटना की रिर्पोट थाने मे दर्ज तो हुई लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई। बालालखन्दर अपराध की दुनिया मे सक्रिय रहते हएु पुलिस से बचने के लिए राजनीतिक लोगो मे अपनी पैठ बना रखी है। एक समय बालालखन्दर ने अपने अपहरण का नाटक रचा।
जिसमे बालालखन्दर यादव को समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता बताते हुए प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री ने सिटी रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन करते हुए रेलगाडी रोकी थी। मायावती के मुख्यमंत्री बनने के बाद बालालखन्दर भूमिगत हो गया। बाद में सपा की सरकार बनने पर यह पुनः प्रकट हो गया। सपा सरकार जाने के बाद भाजपा सरकार बनी तो इसने अपने भाई जितेन्द्र यादव के जरिए भाजपा के बडे नेताओ मे पैठ बनाने लगा।
इन दिनो जमीन हडपने के काम मे बालालखन्दर और उसके भाई जितेन्द्र यादव लगे हुई है। राजस्व एवं चकबंदी विभाग के अधिकारी भी सरकारी जमीनो की हेराफेरी मे बालालखन्दर और जितेन्द्र यादव के सहयोगी बने हुए है। कुछ माह पूर्व ब्लका प्रमुख मडियाहू ने जितेन्द्र यादव के विरूद्ध थाना लाइनबाजार मे धारा 419,420,467,एवं468 भा0द0स0के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कराया है ।
इतना ही नही सूत्रो की माने तो सैदनपुर गांव मे हुई हत्या और हत्या के प्रयास के मामले के पीछे बालालखन्दर और जितेन्द्र का ही हाथ बताया जा रहा है। इन घटनाओ मे पुलिस और पीडित को साजिस मे लेकर ये दोनो अपने विरोधियो को फसाने का काम करते है। आज ये दोनो भाई आपराधिक श्रोतो से अथाह सम्पत्ति बना चुके है। इनके विरूद्ध गैंगेस्ट की कार्यवाही नही की गयी।