संकल्प सवेरा। बलिया के चर्चित खाद्यान्न घोटाले में तत्कालीन दो कोटेदारों को ईओडब्लू वाराणसी सेक्टर की टीम ने शनिवार को कचहरी से गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों पर 50 लाख रुपये गबन का आरोप है। दोनों को न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।
आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्लू) वाराणसी के निरीक्षक सुनील वर्मा के अनुसार गबन मामले में गिरफ्तार बलिया के रेवती थाना अंतर्गत कंचनपुर निवासी कोटेदार बरमेश्वर मिश्रा और रेवती थाना अंतर्गत पचरूखा निवासी कोटेदार कामता प्रसाद ने श्रमिकों को श्रम के बदले खाद्यान्न और नकद पैसे दिए जाने की योजना में हुए 50 लाख के घोटाले में शामिल थे
केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की ओर से संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (एसजीआरवाई) का क्रियान्वयन वर्ष 2002 से 2005 के मध्य जनपद बलिया में किया गया था। इस दौरान बड़े पैमाने पर खाद्यान्न की कालाबाजारी की गई थी। योजना के तहत बलिया जनपद के विभिन्न गांवों में मिट्टी, नाली निर्माण, खड़ंजा निर्माण, पटरी मरम्मत कार्य, संपर्क मार्ग निर्माण, पुलिया निर्माण कार्य आदि के लिए श्रमिकों का चयन कर कराया जाना था
श्रमिकों को श्रम के बदले खाद्यान्न और नकद पैसे दिए जाने का निर्देश था। इस प्रकरण को लेकर वर्ष 2006 में बलिया जिले के विभिन्न थानों में 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए थे। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच सरकार ने ईओडब्लू को सौंप दी थी। मामले में कई आरोपी पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं।
ईओडब्लू वाराणसी ईकाई ने घोटाले की विवेचना में पाया कि जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों ने कोटेदारों से मिलीभगत कर कार्ययोजनाओ की पत्रावलियो पर पेमेंट ऑर्डर, मास्टर रोल एवं खाद्यान्न वितरण रजिस्टर में कूटरचना कर सरकारी धन लगभग 20 लाख और खाद्यान्न लगभग 4400 क्विंटल (कीमत लगभग 30 लाख ) कुल लगभग 50 लाख रुपये का गबन कर लिया गया था