निरंकारी श्रद्धालुओं द्वारा समर्पण दिवस पर
बाबा हरदेव सिंह जी को श्रद्धा सुमन अर्पित
समर्पण केवल शब्दों में नहीं, जीवन के हर कर्म में झलकना चाहिए:सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज
जौनपुर, संकल्प सवेरा14 मई 2025:– संत निरंकारी मिशन द्वारा समर्पण दिवस के अवसर पर युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की पुण्य स्मृति में जनपद के 43 शाखाओं पर सत्संग का आयोजन किया गया।
सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन संदेशों को बताते हुए स्थानीय मीडिया सहायक उदय नारायण जायसवाल जी ने बताया कि सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज का जीवन हर क्षण प्रेम, त्याग, सेवा और शिक्षाओं से परिपूर्ण था। ऐसा ही भक्ति समर्पण वाला जीवन हम सभी का हो यह समर्पण केवल शब्दों तक सीमित न रहे, बल्कि जीवन के व्यवहार में उतरे।
सतगुरु माता जी ने स्पष्ट किया कि सच्चा आदर और प्रेम केवल वाणी से नहीं, बल्कि कर्मों से प्रकट होता है। यदि हम बाबा जी की शिक्षाओं को केवल सोशल मीडिया तक सीमित रखते हैं, तो वह सच्चा समर्पण नहीं। समर्पण का वास्तविक रूप तभी प्रकट होता है जब हम अपने भीतर झांकें और आत्म-विश्लेषण करें क्या हम वास्तव में विनम्रता, क्षमा और प्रेम जैसे गुणों को जी रहे हैं? उन्होंने अपने जीवन के हर पहलू पर साध संगत को महत्ता दी।
समर्पण दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि यह अवसर है यह सोचने का कि क्या हम वाकई अपने जीवन को इन शिक्षाओं से जोड़ पाए हैं? प्रेम, एकता, मानवता और विनम्रता को अपने भीतर बसाकर ही हम इस दिवस को सार्थक बना सकते हैं। यही बाबा जी के प्रति सच्चा आदर और समर्पण होगा।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने विचार, गीत, कविता और भजनों के माध्यम से बाबा जी की करुणा, प्रेम और समर्पण की गूंज को जीवंत किया।
सतगुरु माता जी ने श्रद्धेय अवनीत जी का स्मरण करते हुए उन्हें एक सच्चा गुरसिख बताया, जिन्होंने अपने आचरण से समर्पण की मिसाल प्रस्तुत की।
समर्पण दिवस के अवसर पर, सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के कर-कमलों द्वारा ‘हरदेव वचनामृत’ का विमोचन किया गया। यह एक सटीक और सारगर्भित संकलन है, जिसमें युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी के दिव्य विचार, उपदेश और सत्संग वचनों को संयोजित किया गया है।
‘हरदेव वचनामृत’ केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि वह आध्यात्मिक अमृत है जो पाठक को बाबा जी की शिक्षाओं की गहराई से जोड़ता है।
इस संकलन में प्रेम, सेवा, विनम्रता, एकत्व और निरंकार से जुड़ाव जैसे मूल तत्वों को सरल एवं मार्मिक भाषा में प्रस्तुत किया गया है। यह वाणी संग्रह, बाबा जी की आत्मा की आवाज है जो हर युग, हर पीढ़ी के लिए पथप्रदर्शक बनकर जीवन को सकारात्मक दिशा देने का कार्य करेगी।
निःसंदेह, बाबा हरदेव सिंह जी की दिव्य छवि हर श्रद्धालु के अंतर्मन में एक अमिट स्मृति बन चुकी है। उनके अनगिनत उपकारों के लिए संपूर्ण निरंकारी संसार सदा कृतज्ञ रहेगा।
आज सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज, बाबा जी की शिक्षाओं को आगे बढ़ाते हुए ब्रह्मज्ञान की ज्योति से मानवता को आलोकित कर रहे हैं।