हमारी सरकार पड़ोसी राष्ट्र या दुनिया के किसी भी देश में होने वाली राष्ट्रीय संकट से सबक नहीं लेती?
लेखक :_वशिष्ठ नारायण सिंह
समाजवादी चिन्तक है ।
संकल्प सवेरा यह कितना दुखद आश्चर्य है कि चीन अपने जिद्दी स्वभाव और बेवकूफी के कारण कोयले की कमी से पैदा होने वाली ऊर्जा संकट से जूझ रहा है चीन के अधिकांश क्षेत्रों में ब्लैक आउट होने के कारण हाहाकार मच चुका है? और औद्योगिक उत्पादन ठप हो जाने के कारण आर्थिक एवं सामाजिक जीवन के लिए बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
आश्चर्य इस बात पर हो रहा है कि चीन के कोयले की कमी के कारण विद्युत उत्पादन ठप हो जाने से चीन के इस राष्ट्रीय संकट पर हमारे टीवी चैनलों के माध्यम से चीन की खिल्ली उड़ाई जा रही थी। लेकिन अपने ही देश भारत में इसी प्रकार का संकट सामने खड़ा हो चुका है।
और हमारे देश के टीवी चैनलों के मालिकों और टीवी रिपोर्टरों ने जान बूझकर अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर देश की जनता को भ्रमित करते रहे बहुत सोच समझकर इंदिरा गांधी ने कोयले का राष्ट्रीयकरण किया था, लेकिन बाद की सरकारों ने निजी करण पर जोर दिया
और इस महत्वपूर्ण भूसंपदा का निजीकरण हो जाने का रास्ता खोल दिया। हमारा देश दुनिया में सबसे अधिक कोयले का उत्पादन करता है। केवल 30% कोयला बाहर से मंगाया जाता है।
और देश के कुल बिजली उत्पादन का 70% कोयले से होता है थोड़ी सी समझ रखने वाला हर भारतीय इस सच्चाई को जानता है।
आज कोयले की कमी से विद्युत उत्पादन ठप हो जाने की संभावना पैदा हो गई है देश के अधिकांश हिस्सों में ब्लैक आउट हो जाने की बात कही जा रही है। ऐसी स्थिति में देश के आर्थिक और सामाजिक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अफरा-तफरी और हाहाकार मच सकता है? बहुत बड़ा आर्थिक संकट पैदा हो सकता है।
इस प्रकार के भावी राष्ट्रीय संकट को देखने समझने और उसका हल ढूंढ पाने में कोयला मंत्री असफल रहे हैं और यह झूठ बोलते रहे कि इस तरह का कोई संकट नहीं है और ना ही भविष्य में आएगा ।
हमारी केंद्रीय सरकार भी उन्ही की बातो को दोहरा रही है। जिस तरह से कोरोना जैसी जानलेवा महामारी के समय भूल की गई। वही भूल फिर दोहराई जा रही है
इस तरह के संकट के लिए प्रत्यक्ष रूप से कोयला मंत्री आरके सिंह जिम्मेदार थे? जिन्होंने अपने राष्ट्रीय और संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करने में असफल रहे हैं। अतः जनमानस का ख्याल करते हुय माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को इन्हें अपने मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर देना चाहिए।
लेखक :_वशिष्ठ नारायण सिंह
समाजवादी चिन्तक है ।