आज 25 अप्रैल 2020 को सेंटजॉन्स स्कूल, सिद्दीकपुर,जौनपुर के प्रधानाचार्य श्रद्धेय फादर पी विक्टर के पुरोहिताभिषेक की रजत जयंती मनाई गई।अपने पुरोहित बनने की 25 वीं जयंती के दिन फादर ने ईश्वर वंदना की तथा गरीब एवं असहाय लोगों की मदद की।
फादर पी विक्टर का जन्म स्व.ए. पीटर एवं श्रीमती एपी विनसेंट के पुत्र रूप में 24 जनवरी 1967 को तमिलनाडु में हुआ।आपके पिता जी स्व.ए पीटर भारतीय सेना में अधिकारी थे एवं माता श्रीमती एपी विनसेंट एक धार्मिक महिला हैं।आपके जीवन पर माता-पिता दोनों का प्रभाव पड़ा।पिता से जीवन मे अनुशासन एवं माता से धर्म के प्रति रुझान हुआ।आपकी ने हाईस्कूल कार्मेल हायर सेकेंडरी स्कूल, नागरकोइल, कन्याकुमारी से, इंटरमीडिएट सेन्टजॉन्स स्कूल,डीएलडब्ल्यू, वाराणसी से,स्नातक इलाहाबाद विश्वविद्यालय से,बीएड सेंटज़ेवियर्स कालेज कलकत्ता से प्राप्त किया।आपने दो अंग्रेजी एवं समाजशास्त्र से परास्नातक की उपाधि प्राप्त की।आपने स्वर संगीत की शिक्षा प्रयाग संगीत समिति,इलाहाबाद से प्राप्त की।आपने धर्मशास्त्र की शिक्षा सेंटजोसफ़ रीजनल सेमिनरी ,इलाहाबाद से प्राप्त की।
धर्म के प्रति आपका रुझान बचपन से था।इस कारण आपने बाल्यकाल में ही संन्यास की दीक्षा ले ली।आपका पुरोहिताभिषेक 25 अप्रैल 1995 को आपके चाचा स्व.विशप एडवर्ड फ्रांसिस के कर कमलों द्वारा किया गया ।पुरोहिताभिषेक के बाद आपने अपना जीवन धर्म एवं समाज को अर्पित कर दिया।
आपने मारियाबाद,नव साधना रीजनल पैस्टोरल सेंटर में अपनी सेवा दी।सेंटजॉन्स स्कूल डीएलडब्ल्यू, सेंटथॉमस इंटर कॉलेज शाहगंज में वाइस प्रिंसिपल के रूप में काम किया।सेंटजॉन्स स्कूल लोहता,वाराणसी और हार्टमन इंटर कालेज गाजीपुर में प्रधानाचार्य के रूप में काम करते हुए समाज में ख्याति प्राप्त की।वर्तमान में आप सेंटजॉन्स स्कूल,सिद्दीकपुर ,जौनपुर के प्रधानाचार्य के पद को सुशोभित कर रहे हैं।
श्रद्धेय फादर ने अपना जीवन दीन-दुखियों की सेवा एवं प्रकृति को अर्पित कर दिया है।आपका जीवन सरल एवं सादगी का प्रतीक है।आप एक कुशल प्रशासक,शिक्षाविद, संगीतज्ञ,प्रकृति-प्रेमी व्यक्ति हैं।आपकी ख्याति की सुगंध कन्याकुमारी से काशी तक फैली हुई है।आपने प्रकृति-पूजा करते हुए लाखों वृक्षों को लगाया है जिसके कारण आपको काशीरत्न एवं उत्तरप्रदेश गौरव पुरस्कारों से पुरस्कृत किया गया है।अपने पुरोहिताभिषेक की रजत जयंती पर आपने गरीबों को भोजन कराया एवं उपहार दिया।इस अवसर पर सोशल डिस्टेंसिंग का ख़याल रखा गया।इस अवसर पर फादर ने ईश्वर, अपनी माँ एवं गुरुजनों को नमन किया एवं विद्यालय परिवार को आशीष दिया।