आज 30 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस है क्यों मनाया जाता है क्या है इसका इतिहास और महत्व ।
जय प्रकाश मिश्रा
संकल्प सवेरा,जौनपुर । अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस सितंबर को सेंट जेरोम के पर्व पर मनाया जाता है. जो बाइबल अनुवादक हैं, जिन्हें अनुवादकों के संरक्षक संत के रूप में जाना जाता है
क्यों मनाया जाता है क्या है इसका इतिहास और महत्व ?
आज के दौर में अनुवाद हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण कारक बन चुका है. अनुवाद के जरिए हम किसी भी देश की भाषा को समझ और जान सकते हैं. अनुवाद इस लिए जरूरी है, क्योंकि हम सभी को हर भाषा का ज्ञान हो ऐसा संभव नहीं,
लेकिन अनुवाद के जरिए हम हर भाषा को आसानी से और अपनी भाषा में समझ सकते हैं. आज विश्व भर अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस मनाया जा रहा अन्तर्राष्ट्रीय ट्रांसलेशन डे हर वर्ष 30 सितम्बर को मनाया जाता है। विश्व अनुवाद दिवस बाइबल के अनुवादक सेंट जीरोम की स्मृति में मनाया जाता है।
आज के समय में सभी को हर भाषा ज्ञान होन सम्भव नहीं है। लेकिन आधुनिक समय में अनुवाद के माध्यम से किसी भी भाषा को आसानी से समझा जा सकता है ।
विश्व अनुवाद दिवस हर वर्ष 30 सितम्बर को मनाया जाता है। 30 सितम्बर को सेंट जीरोम बाइबल की पूण्य तिथि पर मनाया जाता है। जिन्हें अनुवादकों का संरक्षण संत माना जाता है।
दुनिया भर में अनुवादकों को एक जुट करने के लिए इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रांसलेटर्स द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस की शुरुआत वर्ष 1991 में की गई। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रांसलेटर्स की स्थापना 1953 में की गयी।
क्यों महत्व है विश्व अनुवाद करने की प्रक्रिया सदियों पुरानी है, भारत में अनुवाद प्राचीन काल में रचित ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद जो कि मूल रुप से संस्कृत में रचित है। जिसका हिन्दी में अनुवाद किया गया।