समाजवादी कुटिया में ऋषि यादव ने गरीब व असहाय बच्चों में बांटा किताब—कॉपी
श्री यादव ने कहा, बच्चों के लिए आगे भी जारी रहेगा सेवा कार्य
जौनपुर। वर्तमान में कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के बीच भूख के साथ साथ पढ़ाई का भी ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि शिक्षा व ज्ञान के बग़ैर भविष्य अंधकार में होता है। बाबा संत गाडगे ने कहा था कि पैसे की तंगी हो तो खाने के बर्तन बेच दो, टूटे-फूटे मकान में रहो लेकिन अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा जरूर दो। आज भले ही इंटरनेट का दौर है लेकिन यह दौर कुछ ही लोगों तक सीमित है। गाँव के बच्चों के पास सरकारी स्कूल के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। कोरोना की वजह से गाँव के ग़रीब बच्चे शिक्षा से दूर हो रहे हैं। जिसको ध्यान में रखते हुए जिले के धर्मापुर ब्लाक के मो हिउद्दीनपुर गांव स्थित समाजवादी कुटिया में जुझारू युवा सपा नेता ऋषि यादव ने शनिवार को गरीब व असहाय बच्चों किताब, कापी, पेंसल, रबर आदि का वितरित कियाा।
बता दें कि युवा सपा नेता ऋषि यादव द्वारा लॉकडाउन में गरीब, असहाय बच्चों में पिछले काफी दिनों से दूध, बिस्किट व फल का वितरण किया जा रहा है। जिसकी सराहना पूरे प्रदेश में हो रही है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इनके कार्यों की काफी सराहना किए हैं। उन्होंने ऋषि यादव के सेवा कार्य की फोटो भी अपने सोशल मीडिया एकाउण्ट पर शेयर किया है। जिसके बाद ऋषि के सराहनीय कार्यों की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है।
ऋषि यादव ने कहा कि हमारा यह सेवा कार्य राट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर चल रहा है और पूरे लॉकडाउन तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आज भले ही इंटरनेट का दौर है लेकिन यह दौर कुछ ही लोगों तक सीमित है। गाँव के बच्चों के पास सरकारी स्कूल के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। जिसको देखते हुए हमने यह कार्य किया है। हमें शिक्षा को अपना सामाजिक दायित्व समझकर आसपास के ग़रीब वर्ग के बच्चों के लिए पुस्तकालय या अध्ययन-अध्यापन की उचित व्यवस्था करनी चाहिये।
इसी क्रम में मैंने समाजवादी कुटिया के माध्यम से गाँव के बच्चों को किताब-कॉपी व पेंसिल देकर पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया। जब से यह लॉकडाउन हुआ है बच्चे हर रोज़ दूध-बिस्किट व फल लेने ज़रूर आते हैं। इसलिये इनसे गहरा जुड़ाव हो गया है। किताब-कॉपी पाने के बाद आज सभी बच्चों ने वादा किया कि वे हर रोज मन लगाकर पढ़ाई करेंगे और जब सुबह दूध लेने आएँगे तो कितना और क्या पढ़ा उस पर भी चर्चा करेंगे।