मणि जी के मुकुट में एक और नगीना
बरईपार(जौनपुर)क्षेत्र सकरा गाव निवासी संस्कृत भाषा के मूर्धन्य विद्वान जनार्दन प्रसाद ‘मणि’ को उनकी रचना ” दीपमाणिक्यम” नवीनतम कृति के लिए उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के द्वारा विशेष पुरस्कार से नवाजा गया है। यह इस समय राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान गंगनाथ झा परिसर प्रयागराज के साहित्य विभागाध्यक्ष है। उन्हें महामहिम राष्ट्रपति एपीजे कलाम द्वारा उत्कृष्ट रचना के लिए पुरस्कृत किया जा चुका है।
प्रोफेसर मणि ने बताया कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर दो दर्जन से अधिक पुरस्कार मिल चुके है। राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर 50 शोधपत्र तथा 108 संगोष्ठियों में शोधपत्र पढ़ा है। सौ से अधिक राष्ट्रीय एवम अंतराष्ट्रीय कवि सम्मेलनों में काव्य पाठ किया है। भारत सरकार द्वारा ‘क्योटो विश्विद्यालय’ जापान में काव्यपाठ करने के लिए भेजा गया, जहा उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।
रिपोर्ट जय प्रकाश तिवारी