जौनपुर! कालजयी रचनाकर पत्रकार यशस्वी कवि पं॰ रूप नारायण त्रिपाठी की 30 वीं पुण्यतिथि पर उनकी पावन स्मृति को समर्पित गीत रूप नमन समारोह का आयोजन रूप सेवा संस्थान के तत्वावधान मंे, जगत नारायण इण्टर कालेज जगतगंज के परिसर मंे आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत प्रख्यात कथावाचक श्री प्रकाश चन्द्र विद्यार्थी के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं उनके रसमय मानस कथा के पाठ से हुई। इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि दक्षिण हिन्दी प्रचार सभा के कुलपति, देश के जाने-माने पत्रकार प्रो0 राम मोहन पाठक ने कहा कि स्व0 त्रिपाठी साहित्य रत्न थे ही, जनपद की पहचान भी थे। वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। शीर्षस्त रचनाकार होने के साथ-साथ कला साहित्य एवं पत्रकारिता जगत के मार्गदर्शक भी थे। समाचार पत्रों में उनके साथ बिताये पलों में बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। उनकी रचनायें युग-युगान्तर तक सर्वकालिक रहेंगी एवं उनकी कृतियों की प्रासंगिकता बताते हुए श्री पाठक ने देश के विश्वविद्यालयीय पाठ्यक्रम में उनकी रचनाओं को शामिल करना आज की जरूरत बतायी। श्री पाठक ने यह भी कहा कि स्व0 त्रिपाठी की स्मृतियों में आना तीर्थ जैसा है। टी0डी0 कालेज के प्रबन्धक श्री अशोक कुमार सिंह ने कहा कि स्व0 त्रिपाठी जी की कृतियां हमारे लिए अमूल्य धरोहर हैं, उनकी प्रकाशित रचनाओं को टी0डी0 कालेज पुस्तकालय में उपलब्ध कराने को कहा। समारोह को उच्चतर सेवा आयोग के सदस्य प्रो0 आर0एन0 त्रिपाठी, जनसंचार विभागाध्यक्ष डा0 मनोज मिश्र, पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता बी0डी0 सिंह, डा0 लल्लन प्रसाद मिश्र, डा0 अजेन्द्र दूबे प्रबन्धक एवं पूर्व प्रमुख सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात कवि पं0 हरिराम द्विवेदी ने किया। रूप सेवा संस्थान की तरफ से स्वागताध्यक्ष रामकृष्ण त्रिपाठी एवं सचिव लोकेश त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों को अंगवस्त्रम् एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। संचालन संस्थाध्यक्ष वरि0 पत्रकार श्री चन्द्रेश मिश्र ने किया। इस अवसर पर सिटी मजिस्ट्रेट श्री सुरेन्द्र नाथ मिश्र, दीवानी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री बृजनाथ पाठक, कलेक्ट्रेट अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री जगत नारायण तिवारी, लोलारक दूबे पत्रकार, भाजपा नेता जगतनारायण दूबे, कपिलदेव मौर्य, रामदयाल द्विवेदी, राहुल त्रिपाठी, अजय त्रिपाठी, डा0 प्रमोद सिंह, अमर सिंह, आनन्द मिश्र एडवोकेट, आलोक मिश्र एडवोकेट, डा0 गोपाल मिश्र, पी0एस0 यादव, छविनाथ मिश्र, नागेश पाठक, प्रशान्त त्रिपाठी, अरविन्द पाठक, डा0 योगेन्द्र सिंह, सभाजीत द्विवेदी ‘प्रखर’, डा0 पी0सी0 विश्वकर्मा, दयासागर राय, अखिलेश तिवारी ‘अकेला’, कृपाशंकर पाठक, इं0 अखिलेश पाठक, टी0डी0 कालेज के प्रो0 डा0 एम0के त्रिपाठी, डा0 आर0एन0ओझा, नीरज त्रिपाठी, संतोष मिश्र, रत्नाकर चैबे सहित जनपद गणमान्य लोगों ने एवं आगन्तुक अतिथियों ने पं0 रूपनारायण त्रिपाठी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। स्व0 त्रिपाठी की स्मृति में सेन्ट जान्स स्कूल सिद्दीकपुर की तरफ से फादर पी0 विक्टर द्वारा वृक्षारोपण एवं वृक्षदान किया गया।
कवि सम्मेलन ने बिखेरी छटा
समारोह के द्वितीय चरण मंे गीतरूप नमन समारोह के अवसर पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन/मुशायरे का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकार डा0 पी0सी0 विश्वकर्मा की अध्यक्षता मंे किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत वाणीवन्दना से हुई।
लखनऊ से आये देश के माने-जाने कवि/शायर वाहिद अली वाहिद ने अपने छन्दों व गीतों से श्रोताओं को आनन्दित करते हुए अपनी पंक्ति में कहा कि-
औरंजेबी नहीं रही जब,नादिर शाही नहीं रही।
तुगलक शाही खत्म हो गयी,हिटलरशाही नहीं रही।
रमुआ,रमजानी,राजू की एक वोट की ताकत से,
लोकतंत्र में बड़े बड़ों की जिल्ले शाही नहीं रही।
जिस शायर ने कलम बेंच कर झूठों का गुणगान किया,
उसके कलम में बहुत दिनों तक लाल सियाही नहीं रही ।
विशेष रूप से सराही गयी। अपने काव्य पाठ में आकाशवाणी वाराणसी से पधारे कवि पं0 हरिराम द्विवेदी ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। उन्होंने-
एक पैगाम लेके आया हूँ।
आपके नाम लेके आया हूँ।
आरजू है कुबूल कर लीजै,
प्यार के जाम लेके आया हूँ।
जहवाॅ पतरिउ रसरिया न टूटइ हो ना,
जहवाॅ अदमी न अदमी को लूटई हो ना।
जहवाॅ सुखवा क बिहॅसइ बिहनवाॅ हो ना।
पंछी आवा उड़िचला ओहि बनवाॅ हो ना।।
जैसी अनेक रचनाओं से कवि सम्मेलन को पूर्णाहुति प्रदान की। इस अवसर पर फतेहपुर से पधारे हास्यव्यंग के सशक्त हस्ताक्षर समीर शुक्ल, गीतकार डा0 भालचन्द्र त्रिपाठी, वाराणसी से पधारे सांडिल्य जी, डाॅ0 पी0सी0 विश्वकर्मा, फूलचन्द भारती, प्रख्यात शायर अहमद निसार, मुबारक बेहोश जौनपुरी आदि कवि शायरों ने अपने काव्य-पाठ से श्रोताओं को देर रात तक मन्त्र-मुग्ध किया। पूरे कवि सम्मेलन का सफल संचालन प्रख्यात व्यंग्यकार सभाजीत द्विवेदी ‘प्रखर’ ने किया। रूप सेवा संस्थान की तरफ से रामकृष्ण त्रिपाठी एवं श्री लोकेश त्रिपाठी द्वारा क्रमशः कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री पी0सी0 विश्वकर्मा एवं राष्ट्रकवि वाहिद अली वाहिद एवं हरिराम द्विवेदी को अंगवस्त्रम् एवं स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया।