मजदूर की विवशता मजबूरी : आशुतोष त्रिपाठी
संकल्प सवेरा, जौनपुर। मजदूर दिवस पर अपना विचार व्यक्त करते हुए भौतिकी प्रवक्ता आशुतोष त्रिपाठी ने कहा कि हाथों में लाठी है, मजबूत उसकी कद काठी है, हर बाधाओं कर देता है दूर, दुनिया उसे कहती है मजदूर, मजदूर नहीं होगा तो मेनहत कौन करेगा बेरंग दुनिया में रंग कौन भरेगा मजदूरों के भी अधिकार हैं उनका भी घर परिवार है उन्होंने कहा कि 1 मई को हर साल मजदूर दिवस मनाने का उद्धेश्य मजदूरों और श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान करना और योगदान को याद करना है। इसके साथ ही मजदूरों के हक और अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करना और शोषण को रोकना है। इस दिन बहुत सारे संगठनों में कर्मचारियों को एक दिन की छुट्टी दी जाती है। अगर हम सकारात्मक सुरक्षा और स्वास्थ्य संस्कृति का निर्माण एवं राष्ट्रहित करना चाहते हैं तो हर तपे दवे मजदूर और मजलूम एवं लाचार सभी को एक सूत्र में पिरो करके जन जन की भागीदारी के साथ हमें बेरोजगारी मजबूरी और मजदूरी को दूर करना होगा क्योंकि किसी देश का विकास उस देश के कामगारों और किसानों पर निर्भर करता है। श्रम एक मात्र प्रार्थना है जिसका उत्तर प्रकृति देती है