संकल्प सवेरा आजमगढ़! अपहरण के एक मुकदमे में सुनवाई की प्रक्रिया पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को साढ़े तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है! जबकि दो अन्य आरोपियों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है! यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर 11 राजीव शुक्ला ने सुनाई है!
अभियोजन कहानी के अनुसार जहानागंज थाना क्षेत्र के एक गांव में 11वीं की छात्रा का 26 मार्च 2009 को विद्यालय से लौटते समय अपहरण कर लिया गया था! इस मामले में अपह्रता की माँ ने स्थानीय थाने पर केस दर्ज कराने के लिए चक्कर लगाती रही लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया! पीड़िता पुलिस के उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र देती रही लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई!
थक हार कर पीड़िता ने न्यायालय में आवेदन पत्र दिया! न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने आरोपी वीर नाथ पुत्र रामधारी, रामनाथ पुत्र सालिक राम वर्मा रमावती पत्नी रामधारी थाना निवासी ग्राम घरवाला थाना जहानागंज के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच के बाद पुलिस ने तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया।
उपरोक्त मुकदमे में सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पांडे तथा अभय दत्त गौड़ ने वादिनी समेत कुल 6 गवाहों की न्यायालय में परीक्षित कराया! दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने आरोपी वीर नाथ को अपहरण का दोषी मानते हुए साढ़े तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाया है! जबकि आरोपी रामधारी व रमावती को पर्याप्त सबूत के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है।