sankalp savera माना जाता है कि अरुणाचलेश्वर शिव मंदिर, शिव का विश्व में सबसे बड़ा मंदिर (World’s Biggest Shiva Temple) है. सावन के महीने (Sawan Month) में भी इस मंदिर पर लाखों भक्त जल चढ़ाने आते हैं. हालांकि कोरोना महामारी के बीच इस प्रक्रिया को बंद रखा गया है.
तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तिरुवनमलाई जिले में भगवान शिव (Lord Shiva) का एक अनोखा मंदिर है. अन्नामलाई पर्वत की तराई में स्थित इस मंदिर को अनामलार या अरुणाचलेश्वर शिव मंदिर कहा जाता है. यहां पर पूर्णिमा (Full Moon) को श्रद्धालुओं की खासा भीड़ उमड़ती है. खासतौर पर कार्तिक पूर्णिमा पर विशाल मेला भी लगता है. श्रद्धालु यहां अन्नामलाई पर्वत की 14 किलोमीटर लंबी परिक्रमा कर शिव से मन्नत मांगने आते हैं. माना जाता है कि यह शिव का विश्व में सबसे बड़ा मंदिर (World’s Biggest Shiva Temple) है. सावन के महीने (Sawan Month) में भी इस मंदिर पर लाखों भक्त जल चढ़ाने आते हैं. हालांकि कोरोना महामारी के बीच इस प्रक्रिया को बंद रखा गया है.
मंदिर की कथा
एक बार ब्रह्माजी ने हंस का रूप धारण किया और भगवान के शीर्ष को देखने के लिए उड़ान भरी. उसे देखने में असमर्थ रहने पर ब्रह्माजी ने एक केवड़े के पुष्प से, जो शिवजी के मुकुट से नीचे गिरा था, शिखर के बारे में पूछा. फूल ने कहा कि वह तो चालीस हजार साल से गिरा पड़ा है. ब्रह्माजी को लगा कि वह शीर्ष तक नहीं पहुंच पाएंगे, तब उन्होंने फूल को यह झूठी गवाही देने के लिए राजी कर लिया कि ब्रह्माजी ने शिवजी का शीर्ष देखा था. शिवजी इस धोखे पर गुस्सा हो गए और ब्रह्माजी को श्राप दिया कि उनका कोई मंदिर धरती पर नहीं बनेगा. वहीं केवड़े के फूल को श्राप दिया कि वह कभी भी शिव पूजा में इस्तेमाल नहीं होगा. जहां भगवान शिव ने ब्रह्माजी को श्राप दिया था, वह स्थल तिरुवनमलाई है.
वहीं अरुणाचलेश्वर का मंदिर बना है. यह मंदिर पहाड़ की तराई में है. वास्तव में यहां अन्नामलाई पर्वत ही शिव का प्रतीक है. पर्वत की ऊंचाई 2668 फीट है. यह पर्वत अग्नि का प्रतीक है. तिरुवनमलाई शहर में कुल आठ दिशाओं में आठ शिवलिंग- इंद्र, अग्नि, यम, निरूथी, वरुण, वायु, कुबेर, इशान लिंगम स्थापित हैं. मान्यता है कि हर लिंगम के दर्शन के अलग-अलग लाभ प्राप्त होते हैं. कार्तिक पूर्णिमा पर इस मंदिर में शानदार उत्सव मनाया जाता है. इसे कार्तिक दीपम कहते हैं. इस मौके पर विशाल दीपदान किया जाता है. हर पूर्णिमा को परिक्रमा करने का विधान है, जिसे गिरिवलम कहा जाता है. मंदिर सुबह 5.30 बजे खुलता है और रात्रि 9 बजे बंद होता है. मंदिर में नियमित अन्नदानम भी चलता है.
कैसे पहुंचें
चेन्नई से तिरुवनमलाई की दूरी 200 किलोमीटर है. चेन्नई से यहां बस से भी पहुंचा जा सकता है. ट्रेन से जाने के लिए चेन्नई से वेल्लोर होकर या फिर चेन्नई से विलुपुरम होकर जाया जा सकता है. आप विलुपुरम या वेल्लोर में भी ठहर सकते हैं और तिरुवनमलाई मंदिर के दर्शन करके वापस लौट सकते हैं. इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं