जो लोग नए नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) का विरोध कर रहे थे उनके लिए छठवीं अनुसूची की शुचिता (Sanctity of the Sixth Schedule) को बचाना और इनर लाइन परमिट क्षेत्रों (Inner Line Permit Areas) के महत्व को बचाए रखने की महत्वपूर्ण चिताएं थीं.
नई दिल्ली. अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के इनर लाइन परमिट क्षेत्र, नगालैंड (Nagaland) और मणिपुर (Manipur) को नए नागरिता संशोधन विधेयक (CAB) से अलग रखा गया है. इस बिल को केंद्रीय कैबिनेट (Union cabinet) ने बुधवार को अपनी अनुमति दे दी. इस बिल के जरिए उत्तरपूर्व के उन इलाकों का संरक्षण भी होगा, जिन्हें छठी अनुसूची (Sixth Schedule) में रखा गया है.ड्राफ्ट बिल का News18 ने रिव्यू करने के दौरान पाया गया, इस सेक्शन में से कुछ भी (Assam) , मेघालय (Meghalaya), (Mizoram) और त्रिपुरा (Tripura), साथ ही संविधान की छठी अनुसूची पर लागू नहीं होगा. और यह उन पर भी लागू नहीं होगा जो इलाके बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेग्युलेशन, 1873 के तहत इनर लाइन के अंतर्गत चिन्हित किए गए हैं.
लोकसभा में पहले पेश किए गए बिल में नहीं था यह क्लॉजजो इस नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) का विरोध कर रहे थे, उनके लिए छठवीं अनुसूची और इनर लाइन परमिट क्षेत्रों की पवित्रता को बचाए रखना बड़ा मुद्दा था. यह क्लॉज असली कानून में सेक्शन 6A के बाद जोड़ा गया है. इनर लाइन परमिट क्षेत्रों और छठवीं अनुसूची में आने वाले इलाकों को दी गई छूट उस बिल में नहीं थी जो कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में पेश किया था.इस बिल में कट-ऑफ की तारीख 31 दिसंबर, 2014 ही दी गई है.
ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया को कानून उल्लंघन पर मिलेगा सुनवाई का मौका दूसरे प्रावधान जो कि ड्राफ्ट बिल में किए गए हैं वे ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड होल्डर लोगों के लिए है. 2016 के बिल से अलग कैबिनेट की अनुमति वाला नए नागरिकता संशोधन बिल में कहा गया है कि यह ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (Overseas Citizen of India) कार्ड होल्डर को अगर किसी कानून का उल्लंघन करते पाएगी तो उसे सुनवाई का एक मौका दिया जाएगा. बिल में कहा गया है, इस सेक्शन के तहत कोई भी आदेश पास नहीं किया जाएगा जबतक OCI कार्डहोल्डर को सुनाई का एक तर्कसंगत मौका न दिया जाए.”