…हिचकोलों भरा है सफर
जेड हुसैन( बाबू)
जौनपुर। प्रदेश सरकार ने जिले से लेकर ब्लाक तक की सड़कों को गड्ढा मुक्त अभियान के तहत चयनित कर सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का निर्देश दिया था लेकिन, सड़कों को केलव कागजों में गड्ढा मुक्त किया गया, हकीकत में तो सड़कों की दशा आज भी बदतर है। जिला मुख्यालय नगर पालिका परिषद के अन्र्तगत कुछ ऐसे मार्ग हैं जहां चलना दुश्वार हो गया है-मछरहट्टा से लेकर कलेक्ट्रेट मार्ग, मछलीशहर पड़ाव से लेकर नईगंज तिराहा मार्ग गड्ढामुक्त होने के बजाय अभी भी गड्ढायुक्त है जहां आये दिन दुर्घटना होती रहती है। नगरीय क्षेत्र में जिला प्रशासन से लेकर विभागीय अधिकारियों का भी आना-जाना है फिर भी इन सड़कों पर ध्यान संबंधित लोगों का नहीं गया है।
शहर की स्थिति इस प्रकार है तो ग्रामीणांचल में कई ऐसी सड़क और पहुंच मार्ग है जहां पर वर्षों से खट-पट की आवाज के साथ वाहन आ जा रहे हैं। जौनपुर-सुल्तानपुर एनएच से कटे मार्ग बख्शा लोहिंदा तक की सड़क जो लगभग पन्द्रह किमी है दूरी करने में डेढ़ घंटे लग रहे हैं। गड्ढा और कंकड़ों को देखते हुए बाइक सवार तो रास्ता बदलकर जौनपुर और बदलापुर तहसील की ओर से रास्ता तय कर रहे हैं। इसी प्रकार मछलीशहर से बरईपार होते हुए कलिंजरा मार्ग जो आगे चलकर हाईवे से मिल रहा है इसकी दूरी लगभग बीस किमी है। इस मार्ग की स्थिति भी यथावत है। उक्त मार्ग पर आने-जाने के लिये रिजर्व गाडिय़ां तैयार ही नहीं होती है। यद्यपि इस मार्ग पर यात्री गाड़ी का आगमन हो रहा है।
इन दोनों मार्गों पर लगभग दो वर्ष से गड्ढायुक्त है और बीच में लेपन और मिट्टी फेंककर कार्यदायी संस्था आगे बढ़ जाती है। मछलीशहर तहसील की मुख्य सड़क जो रामगढ़ होते हुए जंघई तक जाती है जिसकी दूरी लगभग 22 किमी है उक्त मार्ग पर वर्षों से आवागमन की स्थिति बदतर है। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य तो यह है कि विगत सन् 2017 विधानसभाआम चुनाव के पूर्व जनपद में आये यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यालय पर आयोजित एक जनसभा में जौनपुर से खुटहन मार्ग की दशा पर प्रकाश डालते हुए कहा था कि भाजपा सत्ता में आई तो ऐसी सड़कें देखने को नहीं मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने तत्कालीन सरकार पर कटाक्ष भी किया था। आम चुनाव में भाजपा सत्ता में आई और पांच साल के बाद दूसरे विधानसभा के चुनाव में भी सत्ता में है इसके बावजूद अन्य उल्लिखित सड़कों की स्थिति उसी मार्ग से मिलती-जुलती है यह सड़कें तो एक बानगी हैं। पूरे जिले की सड़कों पर अगर नजर डाली जाये तो एक दर्जन से अधिक संपर्क मार्ग और मुख्य मार्गों पर चलना दुश्वार है।