सुभाष राय की लोकप्रिय पुस्तक “अँधेरे के पार’ अमेजॉन पर उपलब्ध
संकल्प सवेरा। ‘अँधेरे के पार’ की लेखकीय प्रतियां मिलीं। इस पुस्तक में पिछले दो वर्षों के भीतर अनेक महत्वपूर्ण पत्रिकाओं के लिए लिखे गये लेख और टिप्पणियाँ शामिल हैं। कुछ आलोचनात्मक तो कुछ समीक्षात्मक, संस्मरणात्मक।
इसमें राजेश जोशी जी, अशोक वाजपेयी जी, संजीव जी, काशीनाथ सिंह जी, नरेश सक्सेना जी, मदन कश्यप जी, अनामिका जी, स्वप्निल श्रीवास्तव जी, राज खन्ना जी, कन्हैया सिंह जी से संबंधित महत्वपूर्ण आलेख शामिल हैं।
आदरणीय केदारनाथ सिंह, मजरूह सुलतानपुरी, विवेकी राय, मुद्राराक्षस के साथ ही कबीर, दादू, वाजिद और मत्स्येंद्रनाथ पर भी आलेख पढ़ने को मिलेंगे। यह पुस्तक बहुत कम समय में प्रलेक प्रकाशन ने प्रकाशित की। इसका श्रेय रेडफाक्स लिटरेचर, प्रलेक प्रकाशन और जेवीपी इंटरटेनमेंट के सीईओ एवं प्रबंध निदेशक तथा कलमवाला पत्रिका के संपादक जितेन्द्र पात्रो को जाता है। जितेन्द्र पात्रो ने इस किताब के प्रकाशन में व्यक्तिगत रुचि ली और सुरुचिपूर्ण ढंग से बहुत जल्द काम पूरा कराया।
जितेन्द्र पात्रो को अच्छी पुस्तकों से प्रेम है और वे वरिष्ठ लेखकों से विचार- विमर्श करते हुए अपनी कल्पनाशीलता के सहारे इस बारे में लगातार कुछ न कुछ नया करते रहते हैं।
कहना न होगा कि जितेन्द्र जी की कार्य शैली से बहुत कम समय में प्रकाशन की दुनिया में प्रलेक प्रकाशन ने अपनी महत्वपूर्ण जगह बना ली है। ‘अँधेरे के पार’ भी इसी उपक्रम की एक कड़ी है। यह अमेजन पर उपलब्ध है।