चंद्रशेखर के बिछाए राजनीतिक बिसात में ध्वस्त हुआ साधु यादव का पुराना किला
वार्ड नं.9 से भानमती राजभर ने गीता यादव को 1866 मत से हराया
दावा, समाज के हर वर्ग और पूर्वे से विकास के नाम पर खूब मिला वोट
खेतासराय। जौनपुर
यूँ तो जनपद में जिला पंचायत सदस्य पद की कई वार्डो की लड़ाई बेहद रोचक रही, लेकिन इनमें शाहगंज ब्लॉक के वार्ड नं.9 में मिली जीत ने कई पुराने रिकार्डों को ध्वस्त कर दिया। इस सीट पर पिछले 20 वर्ष से
रामअवध उर्फ साधू यादव के परिवार का कब्जा रहा है। लेकिन इस बार जनता के बदले मूड और विकास कराने को लेकर उत्साह ने सभी पुराने रिकार्डों को पूरी तरह से नकार दिया।
भानमती देवी राजभर ने 1866 मत से गीता देवी यादव को हार का स्वाद चखा दिया।हालांकि उनका परिवार अपने गांव की प्रधानी और बीडीसी बचाने में कामयाब रहा।
सार्वजनिक तौर से चुनावी पोस्टर पर इस वार्ड से साधू यादव अपने पुत्र वधु गीता देवी पत्नी हरेंद्र यादव और अमरेथुआ गांव के सामाजिक कार्यकर्ता और मन में कुछ अलग करने की लालसा लिए पूर्व प्रधान चन्द्रशेखर राजभर ने अपनी माँ को बसपा से चुनावी मैदान उतारा था।
साधू यादव के परिवार का इस सीट पर चार बार से कब्जा बना रहा । लेकिन इस बार के पंचायत चुनाव में अमरेथुआ गांव के पूर्व प्रधान चन्द्रशेखर राजभर की माँ श्रीमती भानमती देवी उनके खिलाफ बेहतर चुनावी रणनीति बनाने में सफल रही ।
शुरुआत में पहली राउंड में ही भानमती देवी ने बढ़त बनाया तो अन्त तक बना ही रहा। मतगणना के दौरान उन्हें समाज के हर वर्ग और हर पूर्वे में अच्छा मतदान मिला।
आखिरकार उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी गीता यादव पत्नी हरेंद्र यादव जो निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य थे, को 1866 मतों से धूल चटा दिया।
पिछली बार भी चन्द्रशेखर के परिवार से इस सीट पर चुनावी मैदान में थे लेकिन मामूली अंतर से चुनाव हार गये। इस बार की जीत चंद्रशेखर के लिए पुरानी हार का बदला तो था ही इसके अलावा राजनीतिक रसूखदार परिवार के बढ़ते वर्चस्व को तोड़ना भी कहा जा रहा है।
साधू के भतीजे भीम यादव शाहापुर से प्रधानी का चुनाव जीत गये । इसके अतिरिक्त बगल के गांव जमदहा से परिवार के एक सदस्य बीडीसी चुने गए।
जिला पंचायत सदस्य पुत्र चन्द्रशेखर राजभर ने मीडिया से कहा कि जनता के एक-एक वोट का कर्ज चुकाऊंगा और समाज के हर वर्ग ने जिस प्रकार से मेरे साथ खुलकर सहयोग किया उसका मैं आजीवन ऋणी रहूंगा।