जौनपुर- आज माध्यमिक शिक्षक संघ जौनपुर द्वारा वर्ष 2019 की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन बंद आंदोलन चलाये जाने के परिणाम स्वरुप प्रदेश के उपमुख्यमंत्री/ माध्यमिक शिक्षा मंत्री द्वारा कुछ प्रमुख मांगों को स्वीकार करते हुये आगामी लोकसभा चुनाव के पश्चात उसे पूरा करने का आश्वासन दिया गया था लेकिन आज तक उस दिशा में कोई सार्थक पहल सरकार द्वारा नहीं की गयी। परिणामतः उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश नेतृत्व ने सरकार के वादा खिलाफी और संगठन के जायज मांगों को सरकार द्वारा अनसुना करने के विरोध में जनपद के सभी माध्यमिक विद्यालयों में शाखा इकाइयों द्वारा कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया।जनपद मुख्यालय पर जिलाध्यक्ष सरोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में शिक्षकों ने एक सभा की। सभा को सम्बोधित करते हुये माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय उपाध्यक्ष रमेश सिंह ने कहा कि संगठन की बहुप्रतिक्षित पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग को पूरा करने को कौन कहे, सरकार ने जिन मांगों को पूरा करने का वादा किया था जैसे तदर्थ शिक्षकों का विनियमितिकरण, वित्त विहिन शिक्षकों के सेवा नियमावली निर्गत करने, उन्हें सम्मानजनक मानदेय रु. 15000/- प्रतिमाह राजकोष से दिये जाने के सम्बन्ध में भी शासन द्वारा अभी तक कोई पहल नहीं की गयी।परिणामतः माध्यमिक शिक्षक संघ को बाध्य होकर आज क्रान्ति दिवस के अवसर पर अपनी तीन प्रमुख मांगों पुरानी पेंशन योजना की बहाली, तदर्थ शिक्षकों का विनियमितिकरण, वित्त विहिन शिक्षकों की सेवा नियमावली तत्काल जारी करने और उन्हें रु. 15000/- प्रतिमाह मानदेय दिये जाने के समर्थन में कार्य बहिष्कार करते हुए मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन प्रभारी जिलाधिकारी के माध्यम से दिया गया।इस अवसर पर प्रान्तीय मंत्री डा. राकेश सिंह ने कहा कि यदि आज के इस प्रदर्शन के पश्चात हमारी मांगों के सम्बन्ध में सरकार द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की जाती तो माध्यमिक शिक्षक संघ आगामी 29 अगस्त को विधान भवन का घेराव करेगा। पूर्व मण्डलीय मंत्री डा. प्रमोद श्रीवास्तव ने कहा कि अपनी मांगों को मनवाने के लिए हम शिक्षकों को निर्णायक संघर्ष करना होगा। जिलाध्यक्ष सरोज कुमार सिंह ने जनपद के सभी शिक्षकों से अपील की हैं कि आगामी 29 अगस्त को भारी संख्या में लखनऊ पहुंचकर विधान भवन का घेराव करें। सभा का संचालन जिलामंत्री तेरस यादव द्वारा किया गया। ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमण्डल में नरसिंह बहादुर सिंह, सुधाकर सिंह, अरविन्द सिंह सिरसी, जितेन्द्र बहादुर सिंह, ऋषि श्रीवास्तव, प्रमोद सिंह आदि शिक्षक उपस्थित रहे।