तीनों सत्रों की परीक्षाएं पीयू में सम्पन्न होंगी लेकिन डिग्री आजमगढ़ विश्वविद्यालय से मिलेगा:प्रो निर्मला एस मौर्या
संकल्प सवेरा,जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के बंटवारे की अंतिम मोहर लग चुकी है। 15 जून से आजमगढ़ और मऊ जिले को अलग कर दिये जाने के लिए नोटिफिकेशन भी जारी हो गया है
लेकिन आजमगढ़ विश्वविद्यालय तभी अस्तित्व में आयेगा जब वहां नये कुलपति की नियुक्ति हो जायेगी। इस बीच अलग होने वाले जनपद की स्नातक की तीनों वर्ष की परीक्षाएं पीयू को ही करानी होंगी। डिग्री नया विश्वविद्यालय प्रदान करेगा।
2 अक्टूबर 1987 को स्थापित वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय का तीसरी बार बंटवारा हो रहा है। गोरखपुर विश्वविद्यालय से 68 महाविद्यालयों के साथ अलग होकर पूर्वांचल विश्वविद्यालय अस्तित्व में आया। कुल 11 जनपदों में 473 कालेज बन गये।
वर्ष 2009 में यहां के सात जिले सोनभद्र, चन्दौली, मिर्जापुर, भदोही, बलिया, वाराणसी और प्रयागराज का हड़िया पीजी कालेज महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से जुड़ गये।
दोबारा बंटवारे के बाद भी पीयू के अधीन चार जनपद मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़ व जौनपुर से कालेजों की संख्या बढ़कर साढ़े 9 सौ तक पहुंच गयी।
15 जून को मऊ, आजगमढ़ (409 कालेज) अलग हो रहे हैं। ऐसे में पूर्वांचल विवि के पास सिर्फ 529 कालेज रह जायेंगे।
इन चार जनपदों से विश्वविद्यालय को प्रतिवर्ष लगभग 90-95 करोड़ से ऊपर की आय होती रही लेकिन आजमगढ़ विश्वविद्यालय बन जाने से आमदनी 40 से 45 करोड़ रह जायेगी।
विश्वविद्यालय में स्थायी कर्मचारियों के साथ चार सौ अधिक कर्मचारी और डेढ़ सौ अध्यापक हैं जिनके वेतन, भत्ता भुगतान पर असर पड़ेगा।
नोटिफिकेशन के अलावा हमारे पास प्रस्तावित विश्वविद्यालय आजमगढ़ को लेकर कोई नया आदेश नहीं मिला है।
जब तक आजमगढ़ विश्वविद्यालय अस्तित्व में नहीं आयेगा, परीक्षाएं पीयू को करानी होगी। पीयू बंटवारे के बाद आर्थिक संकट से निबटने के लिए कोई उपाय ढूढें जाएंगे। हम चाहेंगे कि दो जिले पीयू को मिले।”
प्रो. निर्मला एस मौर्या: कुलपति पूर्वांचल विश्वविद्यालय
“नये विश्वविद्यालय आजमगढ़ के लिए पूर्व में चिन्हित जमीन को बदलने का कार्य चल रहा है। आजमगढ़ व मऊ जिले की फाइलें तैयार हैं।
नये कुलपति की नियुक्त होने के बाद ही कोई निर्णय होगा। तीनों सत्रों की परीक्षाएं पीयू में सम्पन्न होंगी लेकिन डिग्री आजमगढ़ विश्वविद्यालय से मिलेगा। ”