श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन 24 अवतार व समुद्र मंथन की कथा सुन मंत्रमुग्ध हुए लोग
जलालपुर,संकल्प सवेरा—क्षेत्र के त्रिलोचन महादेव बाजार निवासी फिल्म अभिनेता चन्दन सेठ के पैतृक निवास स्थान पर चल रहे संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन बनारस के सुप्रसिद्ध कथा वाचक बाल व्यास शशिकान्त महाराज (श्री काशी) ने भगवान के चौबीस अवतारों की कथा के साथ-साथ समुद्र मंथन की बहुत ही रोचक एवं सारगर्भित कथा सुनाते हुए कहा कि यह संसार भगवान का एक सुंदर बगीचा है।यहां चौरासी लाख योनियों के रूप में भिन्न- भिन्न प्रकार के फूल खिले हुए हैं।जब-जब कोई अपने गलत कर्मो द्वारा इस संसार रूपी भगवान के बगीचे को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करता है तब-तब भगवान इस धरा धाम पर अवतार लेकर सजनों का उद्धार और दुर्जनों का संघार किया करते हैं ।समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए कहा कि मानव हृदय ही संसार सागर है।मनुष्य के अच्छे और बुरे विचार ही देवता और दानव के द्वारा किया जाने वाला मंथन है।कभी हमारे अंदर अच्छे विचारों का चितन मंथन चलता रहता है और कभी हमारे ही अंदर बुरे विचारों का चितन मंथन चलता रहता महाराज श्री ने बताया कि जिसके अंदर के दानव जीत गया उसका जीवन दु:खी, परेशान और कष्ट कठिनाइयों से भरा होगा और जिसके अंदर के देवता जीत गया उसका जीवन सुखी,संतुष्ट और भगवत प्रेम से भरा हुआ होगा । इसलिए हमेशा अपने विचारों पर पैनी नज़र रखते हुए बुरे विचारों को अच्छे विचारों से जीतते हुए अपने मानव जीवन को सुखमय एवं आनंद मय बनाना चाहिए ।कथा के प्रारंभ में कीर्ति कुन्ज के अधिष्ठाता नन्हे लाल वर्मा व डीवाईएसपी विपीन राॅय ने द्वीप प्रज्जवलित कर कथा का शुरूआत किया।मुख्य यजमान अशर्फी सेठ व फूलपत्ती देवी ने श्री भागवत भगवान का पूजन कर आरती उतारी।कथा के बीच बीच में महाराज श्री ने भागवत भजन के द्वारा माहौल को भागवत मय एवं भक्ति मय बना दिया। कथा सुनने के लिए आस पास के लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है।इस अवसर पर सत्यनारायण सेठ प्रदेश अध्यक्ष स्वर्णकार संघ,यतींद्र चतुर्वेदी राज्यभाषा सदस्य भारत सरकार,राजेश तिवारी रत्न,सतीष वर्मा,गुरू गोपाल सिंह,विनीत सिंह,विश्वजीत सेठ,जुगल सेठ,सुशील मिश्रा,अजय यादव,गीता मिश्रा,बबलू वर्मा समेत सैकड़ो लोग शामिल थे।