केराकत में बना एक एकड़ से भी ज्यादा जगह में फैला सिंचाई विभाग का डाक बंगला आज बेहद ही जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है। देखा जाए तो आज यह डाक बंगला अपने अंतिम दिन गिन रहा है। इस डाक बंगले के लिए समय की परिस्थितियां विपरीत हो गयी।
यह डाक बंगला अपने इतिहास में स्वर्णिम युग को लपेटे हुए हैं। कभी यह क्षेत्र की शान हुआ करता था। इस डाक बंगले की खूबसूरती आज भी पुराने लोगों के जद्दो जेहन में रोमांच पैदा कर देती है। कभी इस डाक बंगले के चारों तरफ हरी भरी घास और विभिन्न प्रकार के फूलों से सजी बागवानी हुआ करती थी। बागवानी भी बहुत शानदार थी। रात में चहारदीवारी पर लालटेन की रोशनी से पूरा डाक बंगला जगमग-जगमग करती रहती थी। यह डाक बंगला लोगों के लिए एक खूबसूरत नजारा हुआ करता था। हमेशा रंग रोगन से डाक बंगला चमकता रहता था। जब भी कोई अधिकारी या नेता इधर से गुजरता तो इस डाकबंगले मे रुकना अपनी शान समझता था। यहां तक की पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह अपने कार्यकाल में यहां ठहर चुके हैं।
लेकिन समय के साथ इस डाक बंगले का मेंटनेन्स न कर पाने के कारण आज भी बेहद जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है। छत और दिवारों के प्लास्टर रह-रहकर गिरते रहते हैं। सुंदर घास व फूलों की जगह झाड़-झाड़ियों ने लिया है। कमरों में जगह-जगह दीमक लगे हुए हैं। दरवाजे वगैरह पूरी तरह से सड़ चुके हैं। कमरों में रखी गई पुराने रिकॉर्ड की फाइलें कचरा हो गई हैं। बरसात में छत से हमेशा पानी टपकता रहता है। अब कोई अधिकारी या नेता यहां आना नहीं चाहता । यहां तक कि यहाँ पर तैनात सहायक अभियन्ता और अन्य अधिकारी भी नहीं आना चाहते। सभी लोग जिले पर रहते है।
इस जगह की उपयोगिता को देखते हुए विधायक केराकत दिनेश चौधरी ने मुख्यमंत्री को यहाँ रोडवेज डिपो संचालित करने का प्रस्ताव भेजे है, हालांकि पूर्व में यहां सीजेएम कोर्ट व रोडवेज आदि का सर्वे कर प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन लगता है अभी तक इस प्रस्ताव को धरातल पर आने में बरसो लगेंगे।