जौनपुर। शहर के दक्षिणी छोर पर सिटी स्टेशन रेलवे क्रासिंग के निकट स्थापित मंदिर में श्री मां आद्याशक्ति दक्षिणा काली की विशाल प्रतिमा अत्यन्त मनोहारी है। पूर्वान्चल में ऐसे आकर्षक भव्य कालिका धाम मंदिर की महिमा अत्यन्त निराली है। यहां माँ का दर्शन पूजन एवं श्रद्धा समर्पण करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। शुक्रवार को सुबह मां दक्षिणा काली का भव्य श्रृंगार कर पूजन अर्चन आरती करके पट खोल दिया गया । इसके बाद भक्तों में प्रसाद का वितरण हुआ। सुबह से लेकर देर रात्रि तक मां काली का दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगी रही।पुजारी द्वारा श्रद्धालुओं को 2 गज की दूरी व सैनिटाइजर करके ही दर्शन कराया जा रहा है।
नवरात्रि सप्तमी के दिन नव दुर्गा का सांतवां स्वरूप कालरात्रि है।
मां दक्षिणा काली के दर्शन करने के लिए दूर-दराज से लोग काफी संख्या में यहां पर आते हैं। यहां पर नवरात्रि के पहले दिन से ही मां भक्तों की भारी भीड़ पहुंच रही है। सप्तमी का दिन कालरात्रि का दिन है। इस दिन माँ दक्षिणा काली का भव्य श्रृंगार किया गया। दर्शन के लिए आए श्रद्धालु नारीयल, चुनरी व अड़हुल की माला अर्पित कर हाजिरी लगाए। मां के जयकारे व घंटे घड़ियाल की ध्वनि से पूरा वातावरण जागृत हो गया।
दक्षिणा काली के श्रृगार में मनोकामना पूर्ण होने पर मास्टर अभिषेक पप्पू सिंह ने सोने का मुकुट चढ़ाया।
मंदिर के पुजारी व संचालक भगवती सिंह ‘वागीश’ ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना सन् 1984 में हुई। यह स्थलीय काली जी की सनातनी सिद्धपीठ हैं। मां काली कलयुग की एक मात्र महा अधिष्ठात्री देवी हैं। जिसकी कृपा शक्ति से सारा ब्रह्माण्ड संचालित है। मां काली की उपासना से मानव जीवन में सुख शांति, आरोग्यता, शत्रु नाश, सम्मान, सद्ज्ञान एवं सम्पन्नता का समावेश हो जाता है। अतः कलयुग में काली जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
इस अवसर पर दलसिंगार विश्वकर्मा, रामपाल विश्वकर्मा, एसपी सिंह जाम, वेद प्रकाश सिंह एडवोकेट, पप्पू सिंह, अमित निगम, संतोष चतुर्वेदी, मनीष सोनकर, विक्रम गुप्त,उपेन्द्र सिंह,सर्वेश सिंह,भानु मौर्या, विपिन सिंह, वंदेश सिंह आदि उपस्थित रहे।