मुलायम सोनी
गभिरन(जौनपुर)5 जनवरी
जहां भी जाएगा वह रोशनी लुटाएगा, किसी चिराग का अपना मकां नहीं होता।
समाज और देश के लिए कुछ कर गुजरने की सोच के साथ दृढ़निश्चयी संकल्प हो तो हर मुश्किल आसां हो जाती है। किसी शायर की इन पंक्तियों को चरितार्थ कर दिखाया है जनपद से सटे पड़ोसी जनपद सुल्तानपुर, विकास खंड करौंदीकला के प्राथमिक विद्यालय गोदाम दसगरपारा की प्रधानाध्यापिका पूनम सिंह ने। उन्होंने एक ही गांव में चार प्राथमिक विद्यालय होने के बावजूद 62 की छात्र संख्या वाले इस विद्यालय का अपने वेतन से लाखों रुपये खर्च कर कायाकल्प कर दिया है। नतीजतन इस सरकारी पाठशाला के मुकाबिल कान्वेंट स्कूल भी कहीं नहीं ठहरते। विद्यालय में एक तरफ जहां बच्चों के लिए उच्चकोटि की बुनियादी शिक्षा की व्यवस्था है, तो वहीं दूसरी तरफ विद्यालय की साज-सज्जा व दीवारों पर उकेरी गयी अद्भुत, अलौकिक चित्रकारी लोगों का मन बरबस मोह लेती है। उनसे प्रेरणा लेकर विद्यालय में तैनात अन्य सहायक अध्यापक ने लगन व मेहनत से पठन-पाठन का ऐसा माहौल बना दिया है जो अन्य स्कूलों के लिए अनुकरणीय बन गया है।
दीवारों पर की गईं चित्रकारी ज्ञानवर्द्धन में सहायक
उक्त विद्यालय की दीवारों और चहारदीवारी पर छात्रों के अधिगम व ज्ञानार्जन के लिए अच्छे से रंगाई-पोताई कराकर सौरमंडल व ब्रह्मांड का नयनाभिराम चित्र आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बच्चे महापुरुषों के चित्र व चरित्र से सीख ले सकें इसके लिए विद्यालय की दीवार पर उनके चित्र बनाकर जीवन गाथा लिखी गई है। स्वच्छता के प्रति बच्चों को जागरूक करने के लिए भी कई बेहतरीन चित्र बनाए गए हैं। बोलती तस्वीरों के साथ ही राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत लिखने के साथ ही कई राष्ट्रीय धरोहरों का जिक्र किया गया है। ऐसे भी चित्र हैं जिसने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण व जल संरक्षण की सीख मिले। विद्यालय में प्रधानाध्यापिका पूनम सिंह के अलावा सहायक अध्यापक दिनेशकांत यादव, पूजा यादव व शिक्षामित्र अनीता सिंह तैनात हैं। बच्चों को खेलकूद के साथ ही व्यायाम भी सिखाया जाता है ताकि उनका समग्र विकास हो।ग्राम प्रधान सीमा देवी का विद्यालय के प्रति समर्पण भाव सराहनीय है। उनके द्वारा कायाकल्प के तहत कराये गए कार्यो पर ग्रामीणों ने खुशी जतायी है। प्रधानपति अनिल कुमार ने कहा विद्यालय की जरूरतों को ध्यान में रखकर भविष्य में भी वह विद्यालय के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे।
ब्रह्मांड व सौरमंडल बना सेल्फी प्वाइंट
विद्यालय की चहारदीवारी पर ब्रह्मांड व सौरमंडल की थ्री डी तश्वीरों पर नजर पड़ते ही राहगीरों के भी कदम थम जाते हैं। वे रुककर देखते ही नहीं, बल्कि जेब से मोबाइल फोन निकालकर यादगार के तौर पर सेल्फी लेने का मोह नहीं छोड़ पाते।
बच्चों के साथ अभिवाहकों को जागरुक करना ही उद्देश्य-संजीव सिंह
विद्यालय को आदर्श बनाने के इस रचनात्मक कार्यों में बड़ी अहम भूमिका निभाई है प्रधानाध्यापिका पूनम सिंह के पति व राष्ट्रीय हिंदी दैनिक अखबार के पत्रकार संजीव सिंह ने। पत्नी को अक्सर विद्यालय छोड़ने आने वाले संजीव सिंह कभी-कभी विद्यालय में रुककर बच्चों को ज्ञान-विज्ञान की जानकारियां देते हैं। इसी दौरान उनके मन ने कहा, क्यों न अपने पास से पैसे लगाकर इस विद्यालय को ऐसा स्वरूप दिया जाए जो नजीर बन जाए। उन्होंने विद्यालय के अन्य अध्यापकों से मन की बात साझा की तो समाज निर्माण और देश के नौनिहालों की तरक्की के इस पुनीत कार्य में सहभागी बनने को सहर्ष तैयार हो गए। युवा वॉल पेंटर मोहम्मद रजा ने प्रेरक और संदेशप्रद बोलते चित्र बनाए।जिसकी चहुँओर प्रशंसा हो रही है। संजीव सिंह के देश व समाज हित में किए गए योगदान की हर कोई सराहना कर रहा है। सोशल मीडिया में विद्यालय के खूब चर्चे हो रहे हैं।