उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा अपनी समीक्षा बैठकों मे मंत्रियों के कामकाज का भी आकलन कर रही है। संगठन और अन्य स्रोतों से जो जानकारी सामने आ रही है,
उसमें लगभग आधे मंत्रियों का कामकाज बेहतर बेहतर नहीं पाया गया है। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि उनको चुनाव मैदान में उतारा जाए या नहीं। बता दें कि अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होंगे
संकल्प सवेरा। अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश है। जो न केवल देश का सबसे बड़ा राज्य है, बल्कि 2024 में भाजपा की केंद्रीय सत्ता की संभावनाओं में भी सबसे अहम है।
ऐसे में उत्तर प्रदेश को लेकर केंद्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा बैठकें हो रही हैं। इनमें पार्टी के शीर्ष नेता लगातार हिस्सा ले रहे हैं।
बीते दिनों राजधानी दिल्ली में उत्तर प्रदेश को लेकर अनौपचारिक रूप से दो महत्वपूर्ण बैठकें हुई, जिसमें एक बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और दूसरी बैठक में गृहमंत्री अमित शाह मौजूद रहे।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा को भाजपा के चुनावी अभियान का एक बड़ा हिस्सा सत्ता विरोधी माहौल को खत्म करना है। ऐसे में विधायकों के कामकाज के साथ मंत्रियों के कामकाज का भी पूरा आकलन किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार विधायकों के टिकट तो बड़ी संख्या में कटेंगे ही, साथ ही इसमें कई मंत्रियों पर भी गाज गिर सकती है
शुरुआती आकलन के अनुसार, सरकार के लगभग आधे मंत्री ऐसे हैं, जिनका कामकाज बेहतर नहीं है। इसकी एक वजह यह मानी जा रही है कि बीते एक साल में कोरोना महामारी में बढ़ी दिक्कतों में जनता की अपेक्षाएं बहुत ज्यादा थीं
और उनकी नाराजगी मंत्रियों से ज्यादा बढ़ी है। हालांकि अब सरकार विभिन्न स्तरों पर तेजी से काम कर रही है और इस नाराजगी को काफी हद तक कम करने की कोशिश भी की जा रही है