मायावती के हाथ में फाइल होती थी, आकाश आनंद के हाथ में आईपैड; प्रत्याशियों को दिया मंत्र
संकल्प सवेरा, काशी। मायावती ने 10 दिसंबर, 2023 को घोषणा की, कि उनका भतीजा आकाश उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी होगा। हालांकि यह औपचारिकता थी क्योंकि राजनीति का प्रशिक्षण तो उन्होंने 2017 से ही लेना शुरु कर दिया था। अब इस लोकसभा के चुनाव में उनकी सक्रियता बसपा सुप्रीमो से भी अधिक दिखाई दे रही है। वह लगभग हर लोकसभा सीट पर प्रचार करने पहुंच रहे हैं।
एक दशक पहले तक बहुजन समाज पार्टी की उन चुनावी रैलियों के मंचों को याद करिए जिनका संबोधन बसपा सुप्रीमो मायावती करती थीं। मंच पर एक कुर्सी बसपा सुप्रीमो के लिए, मंच पर कुर्सी के पीछे पार्टी के प्रत्याशी। भाषण की शुरुआत से पहले एक स्वागत और उसके बाद मायावती का भाषण।
अब उनके उत्तराधिकारी बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद की चुनावी रैलियां पूरी तरह बदल चुकी हैं। मायावती के समय मंच पर छह लोग ही होते थे। अब आकाश के समय यह संख्या 100 तक पहुंच गई है। मंच का परिदृश्य भी अलग दिखाई देता है। मंच पर आकाश आनंद की कुर्सी के बराबर में दोनों ओर प्रत्याशियों की कुर्सियां, पार्टी के पदाधिकारी और प्रमुख कार्यकर्ता।
सभी को बुके या स्मृति चिह्न देकर स्वागत का मौका मिलता है और भाषण के दौरान वह मंच पर बैठे पार्टी नेताओं से भी पूछते रहते हैं। लंदन से एमबीए ग्रेजुएट आकाश आनंद ने 2017 में हुई हिंसा के बाद सहारनपुर की यात्रा के दौरान मायावती के साथ अपनी पहली बार दिखाई दिए थे। उसके बाद वह अलग-अलग कार्यक्रमों में मायावती के साथ दिखाई देते रहे और बसपा सुप्रीमो उनका परिचय भी कराती रहीं।
हर लोकसभा सीट पर पहुंच रहे हैं आकाश आनंद
सफेद शर्ट और नीली पैंट की एक विशिष्ट पोशाक के साथ खेल के जूते पहने हुए, नीले हाथी के प्रतीक वाला सफेद गमछा उनके गले में होता है। मायावती जब चलती थी तो उनके हाथ में एक फाइल दिखाई देती थी मगर वहीं आकाश आनंद के हाथ में आईपैड दिखाई देगा जिस पर मंच पर बैठे हुए वह खुद भी कुछ नोट करते रहते हैं। इसी छवि को वह लोगों के बीच गढ़ रहे हैं। भाषण के दौरान अंग्रेजी का इस्तेमाल भी करते हैं और डेटा रखते हुए सरकार की नीतियों की आलोचना करते हैं।