कुँवर आकाश सिंह बने आई ए एस
अजित सिंह
संकल्प सवेरा जौनपुर 12वी शताब्दी के आस पास महोबा में चंदेलों का राज सा, अपने सेनापति आल्हा ऊदल के पराक्रम से उस समय इतना युद्ध हुआ कि, आल्हा में कहा जाता है–
वीर काल के उस पृथ्वीराज और महोबा के चंदेलों में इतना भयंकर युद्ध हुआ कि दोनो तरफ की सेना के योद्धा समाप्त हो गए, बताया जाता है कि उसके बाद पृथ्वीराज भी कमजोर हुए और मुहम्मद गोरी से हार गए।
महोबा के चंदेलों को यह कहा गया कि जो यंहा रहेगा उसका बंश नही चलेगा, फिर सब वँहा से निकल पड़े और जंहा जगह मिली कब्जा कर लिया, बताया जाता है कि जौनपुर में भी चन्देल कानपुर से आये और सिकरारा से लेकर बरईपार के क्षेत्र पर कब्जा कर जम गए।
तलवार चलाने वाले चंदेलों ने आज तक अपनी कबिलिआइ एकता बनाये रखा है और तलवार के बाद कलम उठा ली, पहले लोग मास्टर बने, बहुत मास्टर बने, फिर डाक्टर, इंजीनियर बनने लगे, लेकिन पूर्व के सिराज जौनपुर में जब तक आई ए एस, पी सी यस ना बनिये कोई लोड ही नही देता।
फिर चन्देल लड़को ने इलाहाबाद का रुख किया और देखते देखते 10 से20 लोग बन भी गए, लेकिन उसी दशक में गजब हो गया।
सन दो हजार के आस पास आल्हा ऊदल की आत्मा जौनपुर के चन्देल वंश के ऊपर फिर मंडराने लगी और धूमकेतु की तरह उभरे धनन्जय सिंह और देखते ही देखते आसमान में छा गए, विधायक, सांसद बाहुबली पता नहीं क्या क्या बन के रौंद दिया पूरा प्रदेश साथ ही साथ जौनपुर में गरदा मचा दिए।
उनकी चमक और आभा मण्डल देख चन्देल लड़को ने कुछ दिन तक अपनी कलम मड़ई में खोंस दी और बनने लगे विधायक, सांसद, लेकिन वो इतना भी आसान नही था, एक दशक फड़फड़ाने के बाद लड़को ने फिर कलम उठाई और कमाल करने लगे, कई लड़को ने अच्छी सफलता पाई।
कल आई ए एस का रिजल्ट निकला तो कुँवर आकाश सिंह ने अपनी सफलता के झंडे गाड़ दिए, आई आई टी के आकाश सिंह का परिवार, ककोहिया गांव का अत्यन्त पढ़ा लिखा परिवार है, इनके बाबा श्री जगदीश सिंह तिलक धारी महाविद्यालय में प्रोफेसर रहे हैं, पिता अरविंद कुमार सिंह, जल निगम के चीफ इंजीनियर है, परिवार में अन्य लोग भी देश विदेश में झंडा फहराने में लगे हैं।
तो कहानी ये है कि आप लोग हम लोगो को हल्के में मत लीजिए, हम लोग भी पढ़े लिखे मेहनती हैं,विश्वास ना हो तो देख लीजिए आकाश की आकाश जैसी सफलता हो।
बहुत बहुत बधाई आकाश आप को अपने परिवार के साथ साथ अपने कुल, क्षेत्र, जनपद और प्रदेश का सर ऊंचा करने के लिए। बढ़ते रहो और आने वाली पीढ़ी के लिए ध्रुव आलोक बने रहो। जो जानने वाला हो वो जाके बता दे दावत, मिठाई, मुर्गे की ब्यवस्था भी करें
पुनः बधाई
।। अजित सिंह।। के fb wall से