संकल्प सवेरा
मै कागज़ पे हुस्न ए अमल लिख रही हूं
मै तुम को मेरी जां कंवल लिख रही हूं
पढ़ने को मै ने बहुत कुछ लिखा है
मगर तुमको मैं अब ग़ज़ल लिख रही हूं
मुहब्बत को अपनी छुपाया था मैने
मै अब सारी बाते अस्ल लिख रही हूं
तोड़े न टूटेंगे ये रिश्ते नाते
मै रिश्ता हमारा अटल लिख रही हूं
सुनो जिंदगी भर मेरा साथ देना
मै दुनिया अभी से अजल लिख रही हूं
खुशनुमा हयात (एडवोकेट/ कवियत्री) बुलंदशहर उत्तर प्रदेश भारत