परोपकार का जीवंत स्वरूप दर्शाता- मानव एकता दिवस
मनुष्य का जीवन परोपकार के प्रति समर्पित हो
निरंकारी सतगुरु माता जी
मानव एकता दिवस पर 100 निरंकारी भक्तों ने पूर्ण उत्साह के साथ रक्तदान किया।
जौनपुर, संकल्प सवेरा,24 अप्रैल 2024, मानवता के मसीहा बाबा गुरबचन सिंह जी की पावन स्मृति में मानव एकता दिवस के अवसर पर मड़ियाहू पड़ाव स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन के प्रांगण में मानव कल्याणर्थ हेतु संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ। जिसमें सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक चले रक्तदान शिविर में 100 रक्तदाताओं ने स्वेच्छा पूर्वक सम्मिलित होकर पूरे जोश एवं उत्साह के साथ रक्तदान किये, जिसमें बहनों और महात्माओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इस अवसर पर सत्संग का भी आयोजन हुआ जिसमें सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पवन संदेशों को बताते हुए श्री अशोक कुमार सचदेव (जोनल इंचार्ज) ने बताया कि निरंकार प्रभु ने हमें यह जो मानव जीवन दिया है इसका प्रत्येक पल मानवता के प्रति समर्पित हो सके, परोपकार का ऐसा सुंदर भाव जब हमारे हृदय में उत्पन्न हो जाता है तब वास्तविक रूप में समूची मानवता हमें अपनी प्रतीत होने लगती है। फिर सबके भले की कामना ही हमारे जीवन का लक्ष्य बन जाता है।
मानव एकता दिवस का पावन अवसर बाबा गुरबचन सिंह जी की मानवता के प्रति की गयी उनकी सच्ची सेवाओ को समर्पित है जिससे निरंकारी जगत का प्रत्येक भक्त प्रेरणा लेकर अपने जीवन का कल्याण कर रहा है।
संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा आज संपूर्ण भारतवर्ष के लगभग 207 स्थानों पर विशाल रूप में रक्तदान शिविर की श्रंखलाओं का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 50,000 युनिट रक्त संग्रहित किया गया। इस अवसर पर निरंकारी राजपिता रमित जी ने भी रक्तदान किया, जो मिशन के भक्तों एवं युवा सेवादारों के लिए निसंदेह प्रेरणा का स्त्रोत रहा। इन सभी रक्तदान शिविरों में रक्तदान से पूर्व की जाने वाली जाँच एवं स्वच्छता की ओर विशेष रूप से ध्यान दिया गया। इसके साथ ही रक्तदाताओं हेतु उत्तम रूप में जलपान की भी समुचित व्यवस्था की गई।
सेवा का भाव सदैव निष्काम ही रहा है। ऐसी भावना जब हमारे मन में बस जाती है तब हमारा जीवन वास्तव में मानवता के कल्याणार्थ समर्पित हो जाता है। ऐसा ही परोपकारी जीवन बाबा गुरबचन सिंह जी की दिव्य सिखलाईयों का आधार रहा है।
रक्तदान, मानव जीवन को बचाने हेतु की जाने वाली एक ऐसी सर्वोपरि सेवा है जिसमें परोपकार की निःस्वार्थ भावना निहित है।
इस कार्यक्रम में जिला अस्पताल के डॉक्टर के के पांण्डेय (सीनरी मेडिकल ऑफिसर) व उनकी पूरी टीम मौजूद थी। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में स्थानीय निरंकारी सेवा दल का भरपूर योगदान रहा जिसमें संयोजक अधिकारीगढ़ भी मौजूद रहे।
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