गहना कोठी परिवार कई वर्षों से भूखों को कराता हैं भोजन
कई वर्षों से प्रत्येक रविवार को चलता है गहना कोठी का भंडारा
संकल्प सवेरा, जौनपुर। कहते हैं कि भूखे को भोजन, प्यासे को पानी नहीं दिया तो छप्पन भोग बेकार। पूर्वांचल की सबसे लोकप्रिय ज्वेलरी फर्म गहना कोठी लगातार सुर्खियों में रहता है
आप सभी को बता दूं कि गहना कोठी परिवार अपने सद्भावना पुल के फर्म पर विगत कई वर्षों से लगातार प्रत्येक रविवार को सैकड़ो राहगीरों ,भूखो,मजदूरों को दाल, चावल, पूड़ी,सब्जी खिलाते है। रविवार को सुबह से 12 बजे तह चाहे कितने लोग वहां पहुचे सबको भर पेट भोजन मिलता है
आप सभी को बता दे की गहना कोठी फर्म के मालिक विवेक सेठ मोनू अपनी कमाई से हर रविवार को राहगीरों को भोजन कराते है।
मोनू सेठ कहते है को मेरा संकल्प है कि जब तक जीवन और सामर्थ्य है, अपने पथ से नहीं होंगे। इस सप्ताहिक लंगर के लिए उन्होंने बकायदा रसोइये भी रखे हैं। भूखों को भोजन खिलाए बिना चैन से नहीं मिलता।
विवेक सेठ मोनू का कहना है कि भूखों को भोजन खिलाने पर तन-मन प्रफुल्लित हो जाता है और रात में चैन से नींद आती है। भोजन पाकर बुजुर्ग जब सिर पर हाथ रखकर बोलते हैं, ‘भूखे गरीब की ये ही दुआ है, औलाद वालों फूलो-फलो’ तो मन को विशेष संतुष्टि मिलती है। भोजन का अधिकार, कर रहे साकार।