स्व.पं.चन्द्रेश मिश्र कलम की ताकत को कमजोर नहीं होने दिये -सीमा द्विवेदी
स्व पं. चन्द्रेश मिश्र की प्रथम पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित
पं.मिश्र के विचारों एवं आदर्शो को जीवन मे आत्मसात करने की आवश्यकता
संकल्प सवेरा जौनपुर। जनपद के वरिष्ठ पत्रकार रहे स्व.पं.चन्द्रेश मिश्र की प्रथम पुण्य तिथि कलेक्ट्रेट स्थित प्रेक्षागृह में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विधि विभाग के निवर्तमान डीन डाॅ.पीसी विश्वकर्मा की अध्यक्षता में मनाई गयी। कार्यक्रम में वक्ताओ ने पंडित जी जीवन से संबंधित घटनाओं और संस्मरणो को याद करते उनके आदर्शों और विचारों को जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता बतायी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि गिरीश चन्द यादव समयाभाव के कारण स्व.पंडित चन्द्रेश मिश्रा जी के आवास पर पहुंचकर उनके चित्र पर श्रद्धान्जलि पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि पंडित जी का हमेशा हम लोगो को आशिर्वाद और स्नेह मिलता रहा है।वह सदैव दूसरो की मदद और भलाई का काम करते रहे।
प्रेक्षागृह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्य सभा सदस्य (सांसद) सीमा द्विवेदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि बचपन से हीं परिवार में पं. चन्द्रेश मिश्र का नाम सुनती थी विधायक बनने के बाद मिलने का सौभाग्य मिला तो उनके स्नेह और आदर्श का अहसास हुआ। शादी के बाद हमारे ससुर जी जो इलाहाबाद अमृत प्रभात के सम्पादक थे बराबर बताते थे कि पंडित जी का क्या कद है।
पत्रकारिता करते हुए पंडित जी ने नाम अर्जित करने के साथ साथ जन हित के तमाम काम किये सबसे खास बात यह रही की कभी भी कलम की ताकत को कमजोर नहीं होने दिया। पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के डीन डॉ मनोज कुमार मिश्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि पंडित जी अपने जीवन काल में पत्रकारिता के नये धर्म की स्थापना कर एक नया कीर्तिमान बनाया। यह धर्म समाज के प्रत्येक व्यक्ति को जोड़कर रखना बताया।
उन्होंने कहा पंडित जी एक आदर्श पुरुष थे उनके जीवन की कृतियों का अनुसरण करके आज के पत्रकारो को समाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए अपनी लेखनी को चलाना चाहिए।
लोक सेवा आयोग उच्च शिक्षा के सदस्य प्रो आर एन त्रिपाठी ने अपने संबोधन में पंडित जी के आदर्श और बेबाक लेखनी का जिक्र करते हुए कहा कि पंडित जी ऐसे पत्रकार रहे जो खबरो के लिए कभी किसी भी स्थान पर भटके नहीं बल्कि खबरे खुद ब खुद चलकर उनके पास आती रही। राजनैतिको से लेकर प्रशासन के अधिकारियों के बीच उनकी एक हनक थी इसका कारण कलम की धार और ताकत रही है।
वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेन्द्र प्रताप सिंह ने पंडित जी पत्रकारिता को निष्पक्ष और निर्भीक बताते हुए कहा कि आज पंडित जी जैसे लोंगो की जरूरत है ताकि समाज में व्याप्त अव्यवस्थाओ को दूर किया जा सके।
श्रद्धान्जलि सभा के वक्ताओ में समाज सेवी बशिष्ट नरायन सिंह, दीवानी बार के अध्यक्ष जितेन्द्र उपाध्याय, देवेश उपाध्याय, जयेन्द्र दुबे,प्रभाकर त्रिपाठी, राम कृष्ण त्रिपाठी, पूर्व प्रमुख सुरेन्द्र प्रताप सिंह, संतोष कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट, फूलचन्द भारती, आदि ने अपने विचारो को व्यक्त करते हुए पंडित जी को अपना श्रद्धासुमन अर्पित किया।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से पत्रकार लोलारक दुबे, राम दयाल द्विवेदी,राज कुमार सिंह, डा राकेश दुबे, संजय उपाध्याय सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में पंडित जी के साथ राज कालेज में शिक्षक रहे एवं पत्रकार साथी हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव और श्याम लाल यादव को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डाॅ पीसी विश्वकर्मा ने अपने कविता के जरिए पंडित जी के जीवन वृत्त को बताया और सभी आगत जनों के प्रति आभार व्यक्त किया।
संचालन साहित्यकार सभाजीत द्विवेदी प्रखर ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पत्रकार लोलारक दुबे,जौनपुर पत्रकार संघ के अध्यक्ष शशी मोहन सिंह क्षेम राम दयाल द्विवेदी,राज कुमार सिंह, डा राकेश दुबे, संजय उपाध्याय ,शशि मोहन प्रेम शंकर यादव,देवी सिंह,विनय कुमार तिवारी,बबलू मिश्रसहित तमाम लोग उपस्थित रहे।