।।संकल्प सवेरा।।
उस दिन को याद करिए,
जब कोरोना का भूचाल आया था।
सड़के हो गई थी वीरान,मानव से,
जब खौफनाक काल आया था।
लोग भूल जाते हैं जल्दी,
कि कभी तबाही का मंजर आया था।
छीन ले गया कितनों के सुकून दिल का,
जब कॉविड का समंदर आया था।
अब तो आ गया है समाधान इसका,
तो फिर टीका क्यों नहीं लगवाते।
किस बात का डर है मेरे भाई,
क्यों बैठकर समस्या नहीं सुलझाते।
अब तो रब से यही दुआ है
कि अब वो दौर न आए।
लग जाए वैक्सीन हर किसी को,
फिर इस तरह की बीमारी और न आए।
राजेन्द्र”राज”