बारिश के चलते परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति रही कम
संकल्प सवेरा जौनपुर शनिवार की सुबह से हो रही लगातार बारिश के चलते विकास खंड मछलीशहर एवं विकास खंड मुंगराबादशाहपुर के ज्यादातर परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति कम ही रहीं। आपको बताते चलें कि निजी विद्यालयों में स्कूली बच्चे वैन से आते – जाते हैं किन्तु परिषदीय विद्यालयों में बच्चे मौसम से सर्वाधिक प्रभावित होते हैं।16 जून से ही भीषण गर्मी के चलते बच्चों की उपस्थिति कम रही यद्यपि ज्यादातर विद्यालयों में पंखे की व्यवस्था है किन्तु बार – बार बिजली कटौती होने और इन्वर्टर की सुविधा न होने से जिले के ज्यादातर विद्यालयों में बच्चों उपस्थिति कम ही रही ।
अब बारिश के चलते आगे आने वाले दिनों में भी उपस्थिति कम ही रहने का अनुमान है। निजी विद्यालयों के बच्चों को इन समस्याओं से दो – चार नहीं होना पड़ता है जिस कारण उनका पठन – पाठन निर्बाध रूप से चलता रहता है। आपको बताते चलें कि कोरोना काल में लम्बे समय तक विद्यालय बन्द रहने से परिषदीय विद्यालयों के बच्चों में विगत 2 वर्षों में बड़ा लर्निंग गैप उत्पन्न हुआ है।साधन सम्पन्न निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले जागरूक अभिभावकों के बच्चों ने आनलाइन माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर काफी सीमा तक अपने शैक्षणिक स्तर को बनाय रखा है किन्तु परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे साधन सम्पन्नता के अभाव और अभिभावकों में जागरूकता न होने के कारण आनलाइन पढ़ाई का लाभ नहीं उठा सके हैं जिस कारण से कोरोना काल ने परिषदीय विद्यालयों के बच्चों में वृहद लर्निंग गैप उत्पन्न कर दिया है। बीच – बीच में विभिन्न कारणों से विद्यालय में उनकी अनुपस्थिति की समस्या लर्निंग गैप को और बढ़ा रही है।
शनिवार की सुबह से हो रही लगातार बारिश के चलते विकास खंड मछलीशहर एवं विकास खंड मुंगराबादशाहपुर के ज्यादातर परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति कम ही रहीं। आपको बताते चलें कि निजी विद्यालयों में स्कूली बच्चे वैन से आते – जाते हैं किन्तु परिषदीय विद्यालयों में बच्चे मौसम से सर्वाधिक प्रभावित होते हैं।16 जून से ही भीषण गर्मी के चलते बच्चों की उपस्थिति कम रही यद्यपि ज्यादातर विद्यालयों में पंखे की व्यवस्था है किन्तु बार – बार बिजली कटौती होने और इन्वर्टर की सुविधा न होने से जिले के ज्यादातर विद्यालयों में बच्चों उपस्थिति कम ही रही ।
अब बारिश के चलते आगे आने वाले दिनों में भी उपस्थिति कम ही रहने का अनुमान है। निजी विद्यालयों के बच्चों को इन समस्याओं से दो – चार नहीं होना पड़ता है जिस कारण उनका पठन – पाठन निर्बाध रूप से चलता रहता है। आपको बताते चलें कि कोरोना काल में लम्बे समय तक विद्यालय बन्द रहने से परिषदीय विद्यालयों के बच्चों में विगत 2 वर्षों में बड़ा लर्निंग गैप उत्पन्न हुआ है।साधन सम्पन्न निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले जागरूक अभिभावकों के बच्चों ने आनलाइन माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर
काफी सीमा तक अपने शैक्षणिक स्तर को बनाय रखा है किन्तु परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे साधन सम्पन्नता के अभाव और अभिभावकों में जागरूकता न होने के कारण आनलाइन पढ़ाई का लाभ नहीं उठा सके हैं जिस कारण से कोरोना काल ने परिषदीय विद्यालयों के बच्चों में वृहद लर्निंग गैप उत्पन्न कर दिया है। बीच – बीच में विभिन्न कारणों से विद्यालय में उनकी अनुपस्थिति की समस्या लर्निंग गैप को और बढ़ा रही है।